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Up Kiran, Digital Desk: ईस्ट इंडिया कंपनी को भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे पहले विदेशी व्यापारिक संस्थान के रूप में स्थापित किया गया था। यह कंपनी न सिर्फ भारतीय उपमहाद्वीप के व्यापार को नियंत्रित करती थी, बल्कि इसके ज़रिए ब्रिटिश साम्राज्य को भी मजबूती मिली। हालांकि समय के साथ यह कंपनी इतिहास का हिस्सा बन गई, लेकिन आज भी इसके अस्तित्व और उसके बाद की घटनाओं को लेकर चर्चा जारी रहती है।

व्यापार से शुरुआत, साम्राज्य के निर्माण तक

ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपनी शुरुआत भारत में मसालों के व्यापार से की थी। भारतीय मसाले, सूती कपड़े और अन्य वस्तुएं ब्रिटेन और यूरोप में बेहद लोकप्रिय थीं, जिनसे कंपनी को भारी लाभ हुआ। इस व्यापार ने कंपनी को भारत में अपने पाँव जमाने का अवसर दिया और धीरे-धीरे कंपनी ने भारत में ब्रिटिश शासन को मज़बूती देने का काम किया।

कंपनी का व्यापार तेजी से बढ़ा और इसका प्रभाव भारतीय राजनीति और समाज पर गहरा पड़ा। इसके कारोबारी संबंधों ने भारत को ब्रिटिश साम्राज्य का अभिन्न हिस्सा बना दिया था।

1857 का विद्रोह और प्रशासन की बदलती तस्वीर

1857 का भारतीय विद्रोह ब्रिटिश साम्राज्य के लिए एक बड़ा संकट साबित हुआ। इस विद्रोह के बाद ब्रिटिश सरकार ने ईस्ट इंडिया कंपनी से भारत के प्रशासन का अधिकार छीन लिया और इसे अपनी क़ब्ज़े में ले लिया। इसके बाद, ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त हो गया और ब्रिटिश सरकार ने सीधे तौर पर भारत का नियंत्रण अपने हाथ में लिया।

कंपनी का कारोबार बंद, लेकिन अस्तित्व बना रहा

ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापार और प्रबंधन 1874 में पूरी तरह से समाप्त हो गया था। हालांकि, कंपनी का अस्तित्व अभी भी खत्म नहीं हुआ था। 1874 के बाद, कंपनी बंद हो गई थी, लेकिन इसकी कुछ संपत्तियाँ और अधिकार अभी भी सुरक्षित थे। इसके बावजूद, इस कंपनी का मूल कारोबार और गतिविधियाँ समाप्त हो चुकी थीं।

भारतीय स्वामित्व में कंपनी का पुनः उदय

बदलते समय के साथ, एक भारतीय उद्यमी संजीव मेहता ने 2010 में ईस्ट इंडिया कंपनी के कुछ प्रमुख ब्रांड्स को 120 करोड़ रुपये में खरीदा। संजीव मेहता के स्वामित्व में कंपनी ने अपने इतिहास को एक नया मोड़ दिया। अब यह कंपनी luxury food items और अन्य उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का कारोबार करती है। संजीव मेहता की अगुवाई में, ईस्ट इंडिया कंपनी एक नई पहचान के साथ उभर कर सामने आई है, जो आजकल प्रमुख ब्रांड्स में से एक मानी जाती है।

आज की स्थिति

आजकल ईस्ट इंडिया कंपनी ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह एक प्रमुख लग्जरी ब्रांड के रूप में कार्यरत है। यह उच्च गुणवत्ता वाली खाद्य सामग्री, पेय पदार्थ और अन्य लग्जरी उत्पादों का उत्पादन करती है। संजीव मेहता के नेतृत्व में कंपनी ने कई देशों में अपनी उपस्थिति बढ़ाई है, और यह भारतीय व्यवसाय जगत का एक चर्चित नाम बन गई है।

भारत की दूसरी सबसे पुरानी कंपनी

ईस्ट इंडिया कंपनी के बाद भारत की दूसरी सबसे पुरानी कंपनी वाडिया ग्रुप है, जिसकी स्थापना 1736 में हुई थी। वाडिया ग्रुप ने भी भारतीय उद्योग जगत में अहम भूमिका निभाई है, और आज यह कंपनी भी विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना चुकी है।

 

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