Up Kiran, Digital Desk: हिंदू धर्म में कार्तिक का महीना सबसे पवित्र माना जाता है और इस महीने में आने वाली पूर्णिमा का तो कहना ही क्या! कार्तिक पूर्णिमा का दिन देवी-देवताओं को प्रसन्न करने, स्नान-दान और पूजा-पाठ के लिए बहुत खास होता है. इसे त्रिपुरी पूर्णिमा और देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है. आइए, जानते हैं साल 2025 में कार्तिक पूर्णिमा कब मनाई जाएगी और इसका क्या महत्व है.
कार्तिक पूर्णिमा 2025 कब है? (Kartik Purnima 2025 Date)
साल 2025 में कार्तिक पूर्णिमा का व्रत शुक्रवार, 24 अक्टूबर को रखा जाएगा. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान देने की परंपरा है. हालांकि, पूर्णिमा तिथि दो दिन रहेगी:
पूर्णिमा तिथि शुरू: 24 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को रात 08:31 बजे से.
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 25 अक्टूबर 2025, शनिवार को रात 10:46 बजे तक.
उदयातिथि के नियम के अनुसार, पूर्णिमा का स्नान और दान शनिवार, 25 अक्टूबर को करना सबसे शुभ माना जाएगा.
स्नान-दान का शुभ मुहूर्त (Auspicious Time for Snan-Daan)
25 अक्टूबर को स्नान-दान के लिए ब्रह्म मुहूर्त सबसे उत्तम रहेगा, जो सुबह 04:46 बजे से सुबह 05:37 बजे तक है. इस दिन सुबह से ही सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग जैसे शुभ योग भी बन रहे हैं, जो इस दिन के महत्व को और भी बढ़ा देते हैं.
चंद्रोदय का समय (Moonrise Time)
पूर्णिमा का चांद बेहद खास होता है और कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रमा के दर्शन करना शुभ माना जाता है. 25 अक्टूबर 2025 को शाम के समय चंद्रोदय होगा.
क्यों इतनी खास है कार्तिक पूर्णिमा?
मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था, इसीलिए इसे त्रिपुरी पूर्णिमा कहते हैं. इस खुशी में देवताओं ने काशी में दीये जलाकर उत्सव मनाया था, जिसे देव दीपावली कहा जाता है. यह भी माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर देवता पृथ्वी पर आकर गंगा में स्नान करते हैं.
इस दिन किए गए दान का फल कई गुना होकर मिलता है. लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार अन्न, वस्त्र और धन का दान करते हैं, जिससे घर में सुख-समृद्धि आती है और पापों से मुक्ति मिलती है.
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