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बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को कॉमेडियन कुणाल कामरा द्वारा दायर उस याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के खिलाफ की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। जस्टिस एस कोतवाल और जस्टिस एस मोदक की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि आदेश आने तक कामरा की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी।

कामरा की ओर से पेश दलीलें: ‘राजनीतिक बयानबाजी पर क्यों नहीं हुई FIR?’

कामरा के वकील नवजोत सिरवाई ने कोर्ट में जोरदार दलील दी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति में ‘गद्दार’ शब्द का बार-बार इस्तेमाल हुआ है, फिर भी किसी राजनीतिक नेता पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उदाहरण के तौर पर, उद्धव ठाकरे ने चुनावी रैलियों में एकनाथ शिंदे को गद्दार कहा, शरद पवार और अन्य नेताओं ने भी इसी तरह के बयान दिए। बावजूद इसके, न कोई एफआईआर दर्ज हुई और न ही किसी तरह का विरोध-प्रदर्शन हुआ।

उन्होंने यह सवाल उठाया कि जब इतने नेताओं ने एक ही तरह के आरोप लगाए, तो फिर एक स्टैंड-अप कॉमेडियन पर कार्रवाई क्यों? क्या यह किसी विशेष विचारधारा के खिलाफ बोलने वालों को डराने की कोशिश नहीं है?

‘कॉमेडी शो का तीन मिनट का हिस्सा, उसमें भी कटाक्ष’

कामरा के वकील ने बताया कि यह मामला कॉमेडी शो का एक हिस्सा है, जिसमें राजनीतिक परिस्थितियों पर निजी विचार रखे गए। 50 मिनट के शो में यह सिर्फ तीन मिनट का कटाक्ष था। वकील ने यह भी बताया कि शिकायतकर्ता ने वीडियो देखने के महज 70 मिनट बाद एफआईआर दर्ज कराई और अगले ही दिन समन जारी कर दिया गया। उन्होंने इसे दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई बताते हुए कहा कि पुलिस ने बिना जांच के त्वरित कदम उठाए।

राज्य सरकार की दलील: ‘यह व्यक्तिगत हमला है, राजनीतिक नहीं’

राज्य सरकार की तरफ से वकील हितेन वेनेगाओंकर ने कोर्ट में दावा किया कि यह मामला सिर्फ हास्य या व्यंग्य तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा कि एक सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति को निशाना बनाकर की गई टिप्पणी व्यक्तिगत हमले की श्रेणी में आती है। सरकार ने यह भी कहा कि यह राजनीतिक विचार नहीं, बल्कि दुर्भावनापूर्ण टारगेटिंग है, और इस आधार पर एफआईआर को सही ठहराया।

वकील ने एफआईआर की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला, जिसमें बताया गया कि शिकायतकर्ता 23 मार्च की रात 10.45 बजे थाने पहुंचे और 24 मार्च को आधी रात को एफआईआर दर्ज हुई। इसके बाद मामला खार पुलिस थाने को सौंपा गया।

FIR का कानूनी पहलू और कामरा की प्रतिक्रिया

एफआईआर में आरोप है कि कामरा ने अपने कॉमेडी शो में शिंदे को परोक्ष रूप से ‘गद्दार’ कहा। इस मामले में मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज है। इसके अलावा अन्य थानों में भी कामरा के खिलाफ शिकायतें हुई हैं। कामरा का कहना है कि यह उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और संविधान में दिए गए अधिकारों का उल्लंघन है।

कामरा ने मद्रास हाईकोर्ट से अंतरिम अग्रिम जमानत भी हासिल की थी। हालांकि, तीन बार समन भेजे जाने के बावजूद वे मुंबई पुलिस के सामने पेश नहीं हुए। अब हाईकोर्ट के आदेश तक उन्हें गिरफ्तारी से राहत दी गई है।