
Up Kiran, Digital Desk: दक्षिण कोरियाई इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज LG इलेक्ट्रॉनिक्स को अपनी दूसरी तिमाही (Q2) के नतीजों में झटका लगा है। कंपनी ने रिपोर्ट किया है कि बढ़ती लागत और वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के कारण उसका शुद्ध लाभ (net income) पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 31 प्रतिशत तक गिर गया है। यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब दुनिया भर में उपभोक्ता खर्च में नरमी देखी जा रही है और आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव बना हुआ है।
कंपनी द्वारा जारी वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार, 2024 की दूसरी तिमाही में एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स का शुद्ध लाभ 586.2 बिलियन कोरियाई वॉन (लगभग 428 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह 850.5 बिलियन वॉन था।
इस गिरावट के पीछे कई प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं:
बढ़ती उत्पादन लागत : वैश्विक स्तर पर कच्चे माल की कीमतें और लॉजिस्टिक्स की लागत बढ़ी है, जिससे उत्पादों को बनाने और उन्हें बाजारों तक पहुंचाने का खर्च बढ़ गया है।
कमजोर उपभोक्ता मांग : उच्च मुद्रास्फीति और बढ़ती ब्याज दरों के कारण कई बाजारों में उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति कम हुई है। इससे टीवी, स्मार्टफोन और घरेलू उपकरणों जैसे एलजी के मुख्य उत्पादों की मांग प्रभावित हुई है।
कड़ी प्रतिस्पर्धा (Intense Competition): इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है, जिससे कंपनियों को कीमतों पर दबाव का सामना करना पड़ रहा है और उनके लाभ मार्जिन कम हो रहे हैं।
विनिमय दर में उतार-चढ़ाव (Exchange Rate Fluctuations): कोरियाई वॉन और अमेरिकी डॉलर के बीच विनिमय दर में उतार-चढ़ाव ने भी कंपनी के अंतरराष्ट्रीय राजस्व और लाभ को प्रभावित किया है।
कंपनी ने यह भी बताया कि उसकी बिक्री और परिचालन लाभ (operating profit) में कुछ वृद्धि देखी गई है, जो विभिन्न व्यावसायिक इकाइयों जैसे घरेलू उपकरणों और वाहन कंपोनेंट्स में मजबूत प्रदर्शन को दर्शाती है। लेकिन शुद्ध लाभ में यह गिरावट सीधे तौर पर लागत बढ़ने और गैर-परिचालन मदों के प्रभाव को दर्शाती है।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने कहा है कि वे इन चुनौतियों का सामना करने के लिए लागत-कटौती उपायों को लागू करने और उच्च-मूल्य वाले प्रीमियम उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति अपनाएंगे। कंपनी को उम्मीद है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार और नए उत्पादों की लॉन्चिंग से आने वाली तिमाहियों में स्थिति में सुधार होगा। यह परिणाम दिखाता है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं बड़ी कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन को भी कैसे प्रभावित कर रही हैं।
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