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Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी की हार ने लालू परिवार में हलचल पैदा कर दी है। इस हलचल की सबसे बड़ी वजह बनी लालू की बेटी रोहिणी आचार्य। उन्होंने अचानक ही राजनीति से संन्यास लेने का फैसला किया और अपने परिवार से भी दूरी बनाने की घोषणा की।

रोहिणी ने अपने फैसले का कारण स्पष्ट करते हुए कहा कि आरजेडी के कुछ प्रमुख नेताओं ने उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने सीधे तौर पर राज्यसभा सांसद संजय यादव और रमीज का नाम लिया। रोहिणी के मुताबिक, इन दोनों नेताओं ने उन्हें यह कदम उठाने के लिए कहा।

इससे पहले लालू के बेटे तेज प्रताप यादव ने भी संजय यादव पर गंभीर आरोप लगाए थे। वे अक्सर संजय को ‘जयचंद’ कहकर संबोधित करते रहे हैं। संजय यादव तेजस्वी यादव के करीबी माने जाते हैं और लंबे समय से उनके साथ राजनीतिक और व्यक्तिगत तौर पर जुड़े हुए हैं। कई बड़े निर्णयों में संजय का नाम तेजस्वी और आरजेडी के साथ जुड़ा रहा है।

संजय यादव कौन हैं और तेजस्वी से कैसे बने करीबी?

संजय यादव हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के नांगल सिरोही गांव से आते हैं। 24 फरवरी, 1984 को जन्मे संजय ने कंप्यूटर साइंस में मास्टर और एमबीए किया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में कई मल्टीनेशनल कंपनियों में काम किया और डेटा विश्लेषण तथा राजनीतिक समीकरणों पर गहरी पकड़ बनाई।

तेजस्वी यादव से उनकी दोस्ती दिल्ली में हुई। धीरे-धीरे वे लालू परिवार के बाद आरजेडी में सबसे प्रभावशाली चेहरों में शामिल हो गए। संजय का राजनीतिक ज्ञान और रणनीति पर पकड़ उन्हें पार्टी में महत्वपूर्ण बनाती रही है।

रमीज कौन हैं?

रोहिणी ने अपने राजनीतिक संन्यास के पोस्ट में रमीज का भी नाम लिया। रमीज उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वे भी तेजस्वी यादव के करीबी मित्र माने जाते हैं और पूर्व सांसद रिजवान जहीर से जुड़ा परिवार उनका राजनीतिक परिवारिक बैकग्राउंड है।