
जम्मू-कश्मीर के पहले गेम में आतंकी हमले के बाद अब मृतकों के शव उनके घर तक पहुंच गए हैं, और इस मंजर को देखकर पूरे देश का दिल रो रहा है। आज कानपुर के शुभम् देवता का अंतिम संस्कार किया गया, जनजीवन महज़ दो महीने पहले ही शादी के बाद एक नई शुरुआत ले रही थी। लेकिन आतंक के एक राक्षस ने अपनी जिंदगी और हजारों सपनों को खत्म कर दिया।
शादी के सिर्फ दो महीने बाद उजड़ गई दुनिया
11 फरवरी को शुभम की शादी हुई थी और वो फैमिली संग कश्मीर घूमने गए थे। हमले के वक्त वो अपनी पत्नी के साथ थे, जबकि परिवार के बाकी सदस्य होटल में थे।
रविवार रात शुभम और नेपाल के सुदीप नेउपाने का पार्थिव शरीर एयरपोर्ट एयरपोर्ट पर पहुंचा।
डिप्टी सीएमडी स्टाफ के पाठकों और आज खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने घर जाकर अपने परिवार के सदस्यों से मुलाकात की।
सीएम योगी ने दिया भरोसा: "हर दुख में साथ हैं"
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले शुभम के पिता को फोन कर संजय डायकी से बात की थी और उनकी पूरी मदद की थी।
"ये अनिष्ट अपूरणीय है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि शुभम को अपने चरण में स्थान मिले और परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति मिले।"
सीएम योगी की यह वैयक्तिक विशेषता है कि राज्य सरकार इस घड़ी में परिवार के कंधे से कंधा की ऊंचाई तक खड़ी है।
मुंबई में भी शोक: दो और भाइयों की अंतिम यात्रा
इस आतंकवादी हमले में मुंबई के संजय लेले और अतुल मोने की भी मौत हो गई। रविवार को मुंबई में हजारों लोगों का अंतिम संस्कार किया गया।
चश्मदीदों के अनुसार, क्लासिक ने नाम डायनासोर के बाद सीधा सिर और पीठ पर गोली मार दी।
यह क्रूरता देश के हर नागरिक को झकझोर रही है।
पूरे देश में गुस्सा: "अब जवाब दो!"
इस हमले के बाद यूनिवर्सिट में प्रदर्शन हो रहे हैं।
लोग स्ट्रीट पर उतरकर सरकार से सीधा जवाब मांग रहे हैं।
हर किसी के मन में एक ही सवाल है- "कब आतंकवादी पाकिस्तान को विरोध प्रदर्शन?"
यह गुस्सा सिर्फ एक घटना का नहीं, साम्य की सहनशीलता का परिणाम है।
मोदी ने रद्द किया विदेश दौरा, क्या उठाएंगे अगला कदम?
इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना विदेश दौरा बीच में ही रद्द कर भारत वापसी का फैसला लिया, जो आपके लिए एक बड़ा संकेत है।
यह संभवत: उनके 11 साल के कार्यकाल में पहला मौका है जब वो बिना रुके वापस चले गए।
इस देश में ये स्मारक तेजी से हो गए हैं कि आने वाले कुछ घंटों में कोई बड़ा कदम नहीं उठाया जा सकता है।