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झारखंड में मौसम का मिजाज बदलता दिखाई दे रहा है। बादल अब आसमान में लुका-छिपी का खेल खेल रहे हैं, जो मानसून के आने का संकेत दे रहे हैं। हालांकि, इस साल मानसून झारखंड में सामान्य से थोड़ा देरी से एंट्री कर रहा है, क्योंकि यह 6 जून को ही केरल में अपना भव्य प्रवेश कर चुका है।

केरल के मानसून का असर जल्द ही झारखंड में भी महसूस किया जाएगा, हालांकि जरा देरी के साथ। इस बार मानसून के झारखंड पहुंचने के लिए संथाल मार्ग अपनाने की उम्मीद है। तय समय से करीब पांच दिन देरी से पहुंचने की उम्मीद है, मगर 15 जून तक मानसून झारखंड में अपनी मौजूदगी दर्ज करा सकता है। इस देरी का असर खासकर कृषि क्षेत्र पर पड़ सकता है, जहां मानसून के देरी से आने का मतलब अक्सर औसत से कम बारिश होता है।

बीते साल मानसून झारखंड में पांच दिन देरी से पहुंचा था, जो 18 जून से 20 जून तक रुका रहा, जबकि 2022 में यह तय समय से छह दिन देरी से पहुंचा। मौसम विशेषज्ञ इस देरी के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार मान रहे हैं। इसके अतिरिक्त, 7 जून को प्रदेश के उत्तरपूर्वी, दक्षिणी, पूर्वी और पश्चिमी भागों, जिनमें सिंहभूम, सिमडेगा और सरायकेला-खरसावां शामिल हैं, वहां रुक रुक कर गर्म हवाएं चलने की संभावना है।

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