
Up Kiran, Digital Desk: बेंगलुरु से एक बड़ी और अच्छी खबर सामने आई है! आम जनता की सुविधा और सरकारी कामों में पारदर्शिता लाने के लिए, राजस्व विभाग (Revenue Department) ने अपनी सभी सेवाओं की 'डिजिटल डिलीवरी' को अनिवार्य कर दिया है। इसका मतलब है कि अब आपको राजस्व विभाग से जुड़े कई कामों के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, बल्कि आप उन्हें ऑनलाइन ही पूरा कर पाएंगे।
क्या बदलेगा अब? यह कदम 'ई-गवर्नेंस' (e-governance) और 'डिजिटल इंडिया' (Digital India) की दिशा में एक बड़ा बदलाव है। अब राजस्व विभाग से मिलने वाले प्रमाण पत्र, दस्तावेज़ या अन्य सेवाएं पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से ही मिलेंगी। इससे कागजी काम और दफ्तरों में लगने वाली भीड़ कम होगी, और प्रक्रियाएं ज़्यादा तेज़ और पारदर्शी बनेंगी।
डिजिटल डिलीवरी क्यों ज़रूरी है?
सुविधा: नागरिकों को घर बैठे या कहीं से भी सेवाओं का लाभ मिल पाएगा।
पारदर्शिता: ऑनलाइन प्रक्रिया में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम होती है।
तेज़ प्रक्रिया: मैन्युअल काम की तुलना में डिजिटल प्रक्रियाएं बहुत तेज़ होती हैं।
दस्तावेज़ों की सुरक्षा: डिजिटल दस्तावेज़ों के गुम होने या खराब होने का खतरा कम होता है।
पर्यावरण अनुकूल: कागज का कम इस्तेमाल होने से पर्यावरण को भी फायदा होगा।
किन सेवाओं पर पड़ेगा असर? राजस्व विभाग कई महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करता है, जैसे भूमि रिकॉर्ड (land records), जाति प्रमाण पत्र (caste certificates), आय प्रमाण पत्र (income certificates), निवास प्रमाण पत्र (domicile certificates) आदि। अब ये सभी सेवाएं पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी। नागरिकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा और वे अपने प्रमाण पत्र या दस्तावेज़ डिजिटल रूप से प्राप्त कर सकेंगे।
यह कदम कर्नाटक सरकार द्वारा नागरिकों को आधुनिक और कुशल सेवाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उम्मीद है कि इससे लोगों का समय बचेगा, परेशानी कम होगी और सरकारी सेवाओं तक उनकी पहुंच बेहतर होगी। यह भारत को एक 'डिजिटल' और 'पारदर्शी' देश बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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