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Up Kiran, Digital Desk: उत्तराखंड परिवहन निगम के लोहाघाट डिपो में मंगलवार को एक बड़ी हड़ताल शुरू हो गई, जिससे यात्रियों को गहरी परेशानी का सामना करना पड़ा। कर्मचारियों ने उच्च अधिकारियों पर उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। हड़ताल की वजह से दीपावली के बाद घर लौट रहे यात्रियों को भारी मुश्किलें उठानी पड़ीं क्योंकि लोहाघाट डिपो से एक भी बस नहीं चली।

अधिकारी नहीं पहुंचे, यात्रियों का गुस्सा बढ़ा

दीपावली के बाद जब यात्रियों को घर लौटने के लिए रोडवेज की बस सेवा की आवश्यकता थी, तो हड़ताल ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दीं। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि रोडवेज के जिम्मेदार अधिकारी मौके पर किसी भी समय नहीं पहुंचे, जिससे कर्मचारियों और यात्रियों के बीच गुस्सा और भी बढ़ गया।

उत्पीड़न के आरोप और कर्मचारियों का गुस्सा

कर्मचारियों का आरोप है कि नैनीताल डिपो के वरिष्ठ स्टेशन प्रभारी पिछले कई वर्षों से लोहाघाट डिपो के चालकों और परिचालकों के साथ मनमानी कर रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रभारी की शिकायत के बाद लोहाघाट डिपो के एजीएम ने बिना किसी जांच के एकतरफा निर्णय लिया और चालकों के मार्ग संचालन पर रोक लगा दी। यह कदम कर्मचारियों के बीच आक्रोश का कारण बना, और उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक उत्पीड़न नहीं रुकता, हड़ताल जारी रहेगी।

दीपावली के दौरान भी पूरी निष्ठा से ड्यूटी निभाते हैं कर्मचारी

कर्मचारियों का कहना है कि वे हमेशा अपनी ड्यूटी को निष्ठा से निभाते हैं, यहां तक कि त्योहारों के दौरान भी। लेकिन अधिकारियों द्वारा उनके साथ किए गए व्यवहार से वे दुखी हैं। वे कहते हैं कि इस तरह के उत्पीड़न के बावजूद वे अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हैं, लेकिन इसके बदले उन्हें केवल अपमान मिलता है।

कर्मचारियों के नाम जो हड़ताल में शामिल रहे

हड़ताल में प्रमुख रूप से हरीश जोशी, गिरीश सिंह, सुभाष मुरारी, ललित जोशी, कैलाश मुरारी, अमर सिंह, सुरेश आर्य, अशोक सिंह, मनोज सिंह, जगदीश जोशी, जीवानंद, महिपाल सिंह, गोपाल भट्ट, पुष्कर भट्ट, ललित भट्ट, तरुण रावल, मदन कुंवर, मधुसूदन जोशी, किशन सिंह, नारायण सिंह धोनी, सतीश, दीपक सा, मनोज कुमार, ललित कुमार, नरेश कुमार और गोविंद जोशी सहित कई कर्मचारी शामिल रहे।