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Up Kiran, Digital Desk: हम सभी ने कभी न कभी ऐसी स्थिति का सामना किया है जब हम लोगों के बीच होते हुए भी खुद को अकेला महसूस करते हैं। चाहे हम दोस्तों से घिरे हों या परिवार के साथ हों फिर भी वह असहज और अलग-थलग होने की भावना हमें घेर सकती है। यह अकेलापन केवल शारीरिक रूप से अकेले होने की स्थिति में ही नहीं होता बल्कि यह मानसिक स्थिति भी बन सकता है जो डिप्रेशन का कारण बन सकता है। आइए समझते हैं कि जब हम भीड़ में अकेलापन महसूस करते हैं तो इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं और इससे निपटने के उपाय क्या हैं।

अकेलापन क्यों महसूस होता है जब हम भीड़ में होते हैं?

आकाश हेल्थकेयर के मनोचिकित्सक डॉ. स्नेहा शर्मा का मानना है कि सामाजिक जुड़ाव की कमी आत्म-संदेह कम आत्म-सम्मान और अनसुलझे भावनात्मक मुद्दे अकेलेपन के कारण हो सकते हैं। जब हम खुद को दूसरों से कटा हुआ महसूस करते हैं या यह सोचते हैं कि कोई हमारी भावनाओं को नहीं समझता तो भीड़ में होने के बावजूद हम अकेलेपन का अनुभव करते हैं।

डॉ. शर्मा कहती हैं "अकेलापन महसूस करना स्वाभाविक है लेकिन अगर यह भावना लंबे समय तक बनी रहती है तो इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।" वह आगे बताती हैं कि सामाजिक जुड़ाव और भावनाओं की अभिव्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं।

अकेलापन डिप्रेशन का कारण कैसे बन सकता है?

अकेलेपन की लगातार भावना मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है। जब यह भावना अनियंत्रित हो जाती है तो यह डिप्रेशन जैसी मानसिक स्थिति को जन्म दे सकती है। डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को निम्नलिखित लक्षणों का सामना हो सकता है:

अत्यधिक सोच या किसी घटना को बार-बार दिमाग में घुमाना

खाने का मन न करना या बहुत अधिक खाना

चिंता और अनिद्रा

खुद को बेकार या अनावश्यक समझना

यदि समय रहते इन लक्षणों को पहचाना न जाए तो डिप्रेशन गंभीर रूप ले सकता है। इसलिये इस पर ध्यान देना और इसे सुलझाने के उपायों को अपनाना बेहद जरूरी है।

क्या करें जब भीड़ में भी अकेलापन महसूस हो?
अगर आप भी कभी ऐसा महसूस करते हैं तो इन सरल उपायों को अपनाकर आप अपनी मानसिक स्थिति को बेहतर बना सकते हैं।

1. अपनी भावनाओं को पहचानें और स्वीकार करें

अकेलेपन या किसी अन्य नकारात्मक भावना को दबाने की बजाय उसे स्वीकार करना महत्वपूर्ण है। खुद से सवाल करें "मैं कैसा महसूस कर रहा हूँ?" और "क्यों?" इससे आपको अपनी भावनाओं को समझने में मदद मिलेगी और आप इस दिशा में सही कदम उठा सकते हैं।

2. किसी से बात करें
अपने विचार और भावनाएं किसी करीबी दोस्त परिवार के सदस्य या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से शेयर करें। यह आपकी मनोदशा को बेहतर बना सकता है और समाधान ढ़ूंढ़ने में मदद कर सकता है। आप अपने अकेलेपन का कारण समझकर उसे हल कर सकते हैं।

3. सकारात्मक गतिविधियों में संलग्न रहें
जैसे कि शौक खेल योग संगीत या कोई नया कौशल सीखने में व्यस्त रहना आपके मानसिक स्वास्थ्य को सकारात्मक दिशा में सुधार सकता है। इससे न केवल आपका मन हल्का होगा बल्कि आपको अपने भीतर नए आयाम भी दिखाई देंगे।

4. स्वस्थ दिनचर्या बनाए रखें

आपकी शारीरिक और मानसिक स्थिति एक-दूसरे से जुड़ी होती है। नियमित नींद संतुलित आहार और व्यायाम से आप न सिर्फ शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत होंगे।

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