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mit student: भारतीय मूल के पीएचडी छात्र प्रहलाद अयंगर को मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) परिसर में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है। उन्होंने पहले फिलिस्तीन के पक्ष में एक निबंध लिखा था। अब उन्हें जनवरी 2026 तक निलंबित कर दिया गया है। इससे उनकी पांच साल की NSF फेलोशिप खत्म हो सकती है। इस संबंध में रंगभेद के खिलाफ MIT गठबंधन ने संस्थान के फैसले को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार बताते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

अयंगर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस विभाग से पीएचडी कर रहे थे। उनका निबंध 'ऑन पैसिफिज्म' छात्र पत्रिका रिटेन रिवोल्यूशन के अक्टूबर अंक में छपा था, जो अब कैंपस में प्रतिबंधित है।

एमआईटी ने कहा कि अयंगर के निबंध में ऐसी भाषा का प्रयोग किया गया है जिसे "हिंसक या विनाशकारी प्रकार के विरोध प्रदर्शन के आह्वान के रूप में व्याख्यायित किया जा सकता है"।

एमआईटी के डीन डेविड वॉरेन रैंडल ने एक ईमेल में लिखा कि लेख में "कई परेशान करने वाले बयान" दिए गए हैं और इसमें ऐसी तस्वीरें भी शामिल हैं जिनमें पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन का लोगो शामिल है, जिसे अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है।

एमआईटी हेड ने कहा कि इस समय आपको आदेश दिया जाता है कि आप लिखित क्रांति के इस अंक को एमआईटी के परिसर में वितरित न करें। आपको एमआईटी या किसी एमआईटी-मान्यता प्राप्त संगठन के नाम का उपयोग करके इसे कहीं और वितरित करने से भी मना किया जाता है।

बता दें ये पहली बार नहीं है कि अयंगर को निलंबित किया गया है, पिछले साल भी उन्हें फिलिस्तीन समर्थक रैलियों के दौरान निलंबित किया गया था। 

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