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उत्तराखंड में भारतीय संस्कृति का इतिहास अब मुस्लिम छात्र छात्राओं को भी बताया जाएगा। इसके लिए योग, वेद, संस्कृत के साथ-साथ इंग्लिश व मैथ्स की शिक्षा मदरसा में पढ़ने वालों बच्चों को दी जाएगी।

मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने ये सूचना आज दी। अपने कार्यालय में बात करते हुए मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि देवभूमि के मदरसों में संस्कृत, वेद और योग की शिक्षा का कोई विरोध नहीं है। हम ये सुनिश्चित करेंगे कि सारे मदरसा छात्रों को अंतरधार्मिक शिक्षा प्रदान की जाए ताकि हम विविधता में एकता और वसुदेव कुटुंबकम के हिंदुस्तान के दृष्टिकोण का पालन कर सकें।

उन्होंने कहा कि भाषा और ज्ञान कहीं से भी मिले उसे लेना चाहिए। ये भारतीय शिक्षा पद्धति की अहम उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि हम मदरसों को आम शिक्षालयों की तरह बनाना चाहते हैं ताकि मदरसों से शिक्षा हासिल छात्र-छात्राएं हर क्षेत्र में अपना करियर बनाएं। उन्होंने कहा कि ज्ञान कहीं से भी मिले लेना चाहिए। इसके लिए मदरसा बोर्ड निरंतर प्रयासरत रहेगा।