Up Kiran, Digital Desk: वृंदावन के मशहूर संत प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज जी इन दिनों लाखों लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं। उनके प्रवचन में रोजाना हजारों श्रद्धालु आते हैं। एक दिन सत्संग में एक भक्त ने बड़ा ही आम सवाल पूछ लिया जो हर किसी के मन में कभी न कभी आता है।
भक्त ने कहा, “महाराज जी, हम भगवान से कहते हैं कि फलानी मन्नत पूरी कर दो तो इतने लड्डू चढ़ाऊंगा, इतने दान करूंगा – क्या ऐसा बोलना ठीक है?”
महाराज जी मुस्कुराए और बड़े प्यार से समझाया
उन्होंने कहा, “बेटा, भगवान कोई दुकानदार थोड़े हैं जो हम कहें – दस रुपये का लड्डू लोगे तो काम करोगे? भगवान सबसे बड़े दाता हैं। जगत के मालिक हैं। हम उनके बच्चे हैं। अब बच्चा अपने पापा से कैसे मांगता है?
क्या कहता है – पापा दस रुपये दो नहीं तो दस लड्डू पवा दूंगा? नहीं न! बच्चा तो सीधा कहता है, पापा मुझे सौ रुपये चाहिए। बस। देना ही पड़ेगा न? क्योंकि हम उसके अपने हैं। कहीं और जाएंगे कहां?”
महाराज जी ने आगे बताया, “ठीक वैसे ही ठाकुर जी से मांगो। रोकर मांगो। हक से मांगो। कहो – प्रभु ये दुख है, ये तकलीफ है, आप ही मालिक हो, आप ही रक्षा करो। बस। फिर भोग चढ़ाना है तो बिना शर्त चढ़ाओ। प्यार से चढ़ाओ। ये मत कहो कि चढ़ाऊंगा तभी काम करना। ये व्यापार हो गया भक्ति नहीं।”
उनका ये जवाब सुनकर सारा पंडाल तालियां बजाने लगा। लोग भावुक हो गए।
आजकल सोशल मीडिया पर भी ये क्लिप तेजी से वायरल हो रही है। लोग लिख रहे हैं कि सच्ची भक्ति यही है। शर्तों वाली भक्ति नहीं।
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