img

2006 में मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार धमाकों के मामले में दोषियों की रिहाई के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सरकार ने अदालत से अपील की है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रिहाई के आदेश पर पुनर्विचार किया जाए।

मालूम हो कि 11 जुलाई 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेनों में 7 बम धमाके हुए थे, जिसमें 180 से अधिक लोगों की जान गई थी और 700 से ज्यादा घायल हुए थे। इस घटना को देश के सबसे बड़े आतंकी हमलों में गिना जाता है।

हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कुछ दोषियों की रिहाई का आदेश दिया था, जिसे अब महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सरकार का तर्क है कि यह मामला न केवल राज्य बल्कि देश की सुरक्षा से जुड़ा है और ऐसे गंभीर अपराधों में दोषियों की रिहाई से गलत संदेश जाएगा।

सरकारी वकील ने कहा कि "यह हमला सिर्फ मुंबई पर नहीं, पूरे भारत पर था। पीड़ितों को अभी भी न्याय की प्रतीक्षा है और दोषियों को सजा से छूट देना कानून और व्यवस्था के लिए खतरा हो सकता है।"

सुप्रीम कोर्ट ने मामले को स्वीकार कर लिया है और 24 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की है।

अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सर्वोच्च अदालत इस याचिका पर क्या रुख अपनाती है और क्या दोषियों की रिहाई पर रोक लगाई जाती है या नहीं।

--Advertisement--