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Up Kiran, Digital Desk: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले पुलिस विभाग में एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मंजूरी से 51 पुलिस इंस्पेक्टरों को पुलिस उपाधीक्षक (DSP) के पद पर पदोन्नत किया गया है। इस कदम का मकसद न सिर्फ पुलिस की कार्यक्षमता बढ़ाना बताया जा रहा है बल्कि यह चुनावी माहौल में पुलिस बल को मजबूत करने की भी रणनीति माना जा रहा है।

DSP बनने से मिलेगा नए अफसरों को बेहतर वेतन और जिम्मेदारी

इन सभी पदोन्नत अफसरों का वेतन स्तर अब 10 से बढ़कर 11 हो जाएगा। इसका मतलब उनकी सेवा शर्तों में सुधार और जिम्मेदारियों का विस्तार होगा। ये अधिकारी पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दरभंगा जैसे प्रमुख जिलों में अपनी नई भूमिका निभाएंगे। यह अब तक की सबसे बड़ी एक साथ हुई पदोन्नतियों में से एक है, जिससे पुलिस विभाग का मनोबल और दक्षता दोनों बढ़ने की उम्मीद है।

चुनाव की तैयारियों में पुलिस की भूमिका अहम

बीच-बीच में उठ रहे चुनाव की खबरों के बीच यह कदम खासा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। खबर है कि अक्टूबर-नवंबर में बिहार विधानसभा चुनाव हो सकता है। चुनाव आयोग की टीम भी दशहरा के बाद बिहार आकर तैयारियों का जायजा ले सकती है। ऐसे में पुलिस विभाग की मजबूती सीधे चुनाव के सुचारू संचालन से जुड़ी है।

किसान, व्यापारी और आम जनता को मिलेगा फायदा?

पुलिस के सशक्तिकरण का सबसे बड़ा असर जनता पर पड़ने वाला है। जब अधिकारी स्तर पर सुधार होगा तो कानून व्यवस्था बेहतर होगी। इससे सड़क सुरक्षा, अपराध नियंत्रण और सामाजिक शांति को बढ़ावा मिलेगा। खासकर छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में पुलिस की तत्परता से नागरिकों का भरोसा बढ़ेगा।