Up Kiran, Digital Desk: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संरक्षक लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने शनिवार को एक चौंकाने वाला फैसला लिया। उन्होंने अपने ट्विटर (अब एक्स) अकाउंट पर कहा कि वे राजनीति छोड़ रही हैं और अपने परिवार से भी दूरी बना रही हैं।
फैसले के पीछे की वजह
रोहिणी ने लिखा कि यह फैसला संजय यादव और रमीज की सलाह पर किया गया और उन्होंने पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली। राजनीतिक जानकारों के अनुसार, बिहार चुनाव में महागठबंधन की हार के बाद उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया था।
चुनाव प्रचार और सिंगापुर से लौटना
सूत्रों का कहना है कि रोहिणी आचार्य को प्रचार के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह सिंगापुर में थीं। उनका प्रचार केवल राघोपुर सीट तक सीमित रहा, जहाँ उनके भाई तेजस्वी यादव चुनाव लड़ रहे थे।
यादव परिवार में बढ़ती कलह
राजनीति और परिवार दोनों छोड़ने का उनका फैसला यादव परिवार में मतभेद को सामने लाता है। इससे पहले तेज प्रताप यादव को पार्टी से बाहर कर दिया गया था और लालू यादव ने बड़े बेटे के ‘गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार’ के चलते परिवारिक रिश्ते भी तोड़ दिए थे।
तेज प्रताप की नई पार्टी और बिहार चुनाव नतीजे
तेज प्रताप ने जनशक्ति जनता दल (JJD) बनाई और 22 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन किसी भी सीट पर जीत नहीं मिली। दूसरी ओर, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने शानदार जीत हासिल की। भाजपा और जेडीयू ने क्रमशः 89 और 85 सीटें जीती।
महागठबंधन की करारी हार
राजद सिर्फ 25 सीटों तक सिमट गई। कांग्रेस को छह और वामपंथी दलों को तीन सीटें मिलीं। कुल मिलाकर महागठबंधन को 34 सीटें ही मिलीं। वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने क्रमशः 19, 5 और 4 सीटें जीतीं।
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