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Up Kiran, Digital Desk: एक तरफ बिहार में जहां बीजेपी उम्मीदवारों की लिस्ट को फाइनल करने में जुटी है, वहीं गुजरात में भी भाजपा की राजनीतिक गोटियां तेज़ी से बिछ रही हैं। चुनाव में अभी दो साल बाकी हैं, लेकिन पार्टी अभी से तैयारी में जुट गई है। इस बार चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की कैबिनेट में बदलाव की चर्चा ज़ोरों पर है।

सूत्रों के मुताबिक, कुछ मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है। उनकी जगह ऐसे नए चेहरे लाए जा सकते हैं जो अगली रणनीति में फिट बैठें। गुजरात की सियासी जमीन पर भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती।

मोदी के साथ अहम मीटिंग के बाद बढ़ा सस्पेंस

सोमवार को दिल्ली में एक अहम बैठक हुई, जिसमें सीएम भूपेंद्र पटेल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा और संगठन महासचिव रत्नाकर शामिल हुए। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। हालांकि, आधिकारिक बयान में इस मुलाकात का एजेंडा सामने नहीं आया है, लेकिन सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।

माना जा रहा है कि इस बैठक में संभावित कैबिनेट फेरबदल पर चर्चा की गई। जल्द ही नई लिस्ट फाइनल हो सकती है। यह भी कहा जा रहा है कि कुछ मंत्रियों के विभाग बदले जाएंगे, ताकि नए समीकरणों को साधा जा सके।

सिर्फ विधानसभा नहीं, लोकल बॉडी चुनाव भी दांव पर

गुजरात में सिर्फ विधानसभा चुनाव ही नहीं, बल्कि जनवरी-फरवरी 2025 में होने वाले नगर निगम, नगर परिषद और जिला पंचायत चुनाव भी बेहद अहम हैं। पार्टी इन्हें विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल मान रही है। इसलिए भाजपा इन चुनावों में जीत सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही रणनीतिक बदलाव कर रही है।

कांग्रेस और AAP की चुनौती से सतर्क भाजपा

गुजरात में भाजपा की सत्ता को कांग्रेस के साथ अब आम आदमी पार्टी से भी टक्कर मिल रही है। AAP ने पिछले चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया था और अब वह भाजपा की रणनीति को चुनौती दे रही है। ऐसे में भाजपा नेतृत्व किसी भी तरह की एंटी-इनकंबेंसी को दूर करना चाहता है।

2014 में मोदी के दिल्ली कूच के बाद पार्टी ने कई बार नेतृत्व में बदलाव करके अपनी पकड़ मजबूत की है। इस बार भी वैसी ही रणनीति अपनाई जा रही है।