Up Kiran, Digital Desk: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार को इतिहास रच दिया जब उन्होंने पहली बार महिला क्रिकेट विश्व कप जीतने में सफलता प्राप्त की। फाइनल मैच में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर टीम ने अपनी मेहनत और संघर्ष का प्रमाण पेश किया। इस जीत के साथ टीम को 41.77 करोड़ रुपये की भारी-भरकम इनामी राशि मिली, जो अब तक किसी भी पुरुष और महिला क्रिकेट विश्व कप में सबसे ज़्यादा इनाम राशि है।
हालांकि, यह जीत केवल एक खेल की सफलता नहीं है, बल्कि महिला क्रिकेट में बदलते हुए समय का प्रतीक भी है। भारत ने 2005 और 2017 में भी विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन उस समय सफलता दूर थी। मिताली राज और उनकी टीम का 2005 में उपविजेता बनने का सफर था, जिसमें उन्हें बेहद कम मैच फीस मिली थी।
2005: संघर्ष और छोटी रकम
2005 के विश्व कप के दौरान मिताली राज ने खुलासा किया था कि उस समय भारतीय महिला क्रिकेट टीम को सिर्फ ₹1,000 प्रति मैच मिलते थे। यह भी जानना जरूरी है कि तब महिला क्रिकेटरों के लिए कोई वार्षिक अनुबंध नहीं था और मैच फीस भी बेहद कम थी। मिताली ने बताया था, "हमने आठ मैच खेले थे और कुल ₹8,000 कमाए थे। उस समय महिला क्रिकेट को प्रोत्साहन देने के लिए कोई ठोस वित्तीय समर्थन नहीं था।"
महिला क्रिकेट में बदलाव: अब बराबरी का समय
अब 2025 में महिला क्रिकेट को मिली यह जीत एक संकेत है कि खेल में भी महिलाएं अब पुरुषों के बराबर सम्मान पा रही हैं। यह जीत केवल भारतीय महिला क्रिकेट टीम की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन गई है। मिताली राज की कप्तानी में 2005 में टीम ने उपविजेता बनने के बाद क्रिकेट की दुनिया में एक नया मुकाम हासिल किया था, लेकिन आज की स्थिति काफी बदल चुकी है। अब खिलाड़ी पुरुष क्रिकेटरों के बराबर पैसा कमाते हैं, और उनका जीवन स्तर भी बदल चुका है।
भारत ने 2025 में क्या हासिल किया?
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 2025 में अपना तीसरा विश्व कप फाइनल खेला। इस बार, टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहले स्थान पर कब्जा जमाया। इससे पहले, 2017 में इंग्लैंड से हारने के बाद भी भारतीय महिला क्रिकेट को अपनी सफलता का अहसास हुआ था, लेकिन अब यह जीत इस खेल के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगी।
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