सियासत की गर्मी जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आते हैं, वैसे-वैसे बयानबाज़ी की तल्ख़ी भी बढ़ती जा रही है। ताज़ा मामला है कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का। उन्होंने रविवार को बक्सर की एक जनसभा में भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोला। उनके शब्दों में सिर्फ आरोप नहीं थे बल्कि एक राजनीतिक आक्रोश और इतिहास के पन्नों की याद भी थी।
खरगे का दावा है कि पिछले दस वर्षों में कांग्रेस नेताओं पर ईडी की 193 रेड पड़ीं, मगर "सिर्फ दो मामलों" में कुछ साबित हो सका। उनका कहना था कि हमारे नेताओं को झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है, मगर डराने की ये कोशिशें अब नहीं चलेंगी।
नेशनल हेराल्ड केस का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि गांधी परिवार को बदनाम करने की साज़िश की गई, मगर यह वही परिवार है जिसने आज़ादी के आंदोलन में अपने घर-बार तक कुर्बान कर दिए – आनंद भवन और स्वराज भवन जैसे ऐतिहासिक धरोहर देश को समर्पित किए।
खरगे के बयान को सिर्फ एक भाषण नहीं माना जा सकता। इसमें आज की भारतीय राजनीति की दिशा और दशा का आइना भी झलकता है। विपक्ष का ये पुराना आरोप रहा है कि जांच एजेंसियों का राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है, मगर अब बात खुलकर चुनावी मंचों पर होने लगी है।
खरगे का यह भी आरोप था कि भाजपा सरकार विपक्षी दलों के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रही है। उन्होंने साफ़ कहा कि हम डरने वाले नहीं हैं, झुकने वाले नहीं हैं। ये शब्द सुनने में साधारण लग सकते हैं, मगर देश की सबसे पुरानी पार्टी के मुखिया की ज़ुबान से निकले ये वाक्य आज के सियासी माहौल में एक चुनौती की तरह गूंजते हैं।
आपको बता दें कि बक्सर की सभा में खरगे की आवाज़ जितनी तीखी थी, जनता की प्रतिक्रिया उतनी ही जोशीली। समर्थकों ने “संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ” जैसे नारे लगाए।
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