Up kiran,Digital Desk : मणिपुर की राजनीति में कई महीनों से जो उलझन बनी हुई है, उसे सुलझाने की अब एक बड़ी कोशिश हो रही है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राज्य के सभी विधायकों को 14 दिसंबर को दिल्ली बुलाया है। माना जा रहा है कि इस बैठक में राज्य में राष्ट्रपति शासन खत्म करके एक नई सरकार बनाने पर फैसला हो सकता है।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने खुद यह बात बताई है कि पार्टी के बड़े नेताओं ने सभी को दिल्ली आने के लिए कहा है। हालांकि, बैठक का एजेंडा साफ-साफ तो नहीं बताया गया, लेकिन इशारा यही है कि बातचीत का मुख्य मुद्दा नई सरकार का गठन ही होगा।
लेकिन असली पेंच कहीं और फंसा है
इस पूरी कहानी में सबसे अहम मोड़ कुकी-जो समुदाय के 10 विधायक हैं, जिनमें से 7 विधायक तो खुद बीजेपी के ही हैं। पार्टी ने उन्हें भी इस बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया है। अब सबकी नज़रें इन्हीं पर टिकी हैं, क्योंकि ये सभी विधायक एक बहुत बड़ी मांग पर अड़े हुए हैं।
क्या है वो बड़ी शर्त?
ये 10 कुकी-जो विधायक अपने समुदाय के लिए एक "अलग प्रशासन" चाहते हैं। उनका रुख बिल्कुल साफ है - जब तक उनकी यह मांग पूरी नहीं होती, वे किसी भी सरकार को अपना समर्थन नहीं देंगे। यही वो शर्त है, जिस पर मणिपुर में सरकार बनाने का सारा खेल अटका हुआ है।
एक तरफ बीजेपी के कई विधायक चाहते हैं कि राज्य में चुनी हुई सरकार जल्द से जल्द वापस आए, वहीं दूसरी तरफ कुकी-जो विधायक अपनी मांग पूरी होने का इंतज़ार कर रहे हैं।
आपको बता दें कि मणिपुर में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है, यानी वहां कोई चुनी हुई सरकार काम नहीं कर रही है। अब देखना यह है कि दिल्ली में होने वाली यह बैठक इस राजनीतिक संकट को खत्म कर पाती है या नहीं।
_1429905658_100x75.png)
_1734457478_100x75.png)
_2095415436_100x75.png)
_1430270842_100x75.png)
_1802522119_100x75.png)