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Up Kiran, Digital Desk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की कि वह 26 अक्टूबर को मलेशिया के राजधानी कुआलालंपुर में होने वाले आसियान शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे। मलेशिया सरकार ने उन्हें विशेष रूप से आमंत्रित किया है, और यह सम्मेलन 26 से 28 अक्टूबर तक आयोजित होगा। इस दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच मुलाकात की संभावना जताई जा रही है, जो टैरिफ विवाद के बाद उनकी पहली मुलाकात हो सकती है।

लेकिन, ट्रंप की मलेशिया यात्रा के खिलाफ विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। मलय मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मलेशिया के नागरिक संगठनों ने 26 अक्टूबर को अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का ऐलान किया है। यह विरोध प्रदर्शन कुआलालंपुर के अम्पांग पार्क में सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित किया जाएगा। आयोजकों का दावा है कि 20 से ज्यादा संगठन इस विरोध में भाग लेंगे।

विरोध का समर्थन करने वाले संगठन

इस विरोध प्रदर्शन को मलेशिया के कई प्रमुख संगठन जैसे कि बीडीएस मलेशिया, मुता, पेजुआंग, अंगकाटन बेलिया इस्लाम मलेशिया और मलेशियाई इस्लामिक संगठनों की परामर्शदात्री परिषद (मैपिम) सहित अन्य संगठन समर्थन दे रहे हैं। प्रदर्शनकारियों के लिए एक टूलकिट भी जारी किया गया है, जिसमें कानूनी जानकारी और उनके अधिकारों से संबंधित जानकारी दी गई है। आयोजकों का कहना है कि अगर प्रदर्शनकारियों से पूछताछ की जाती है, तो वे अपना बयान देने से इनकार कर सकते हैं और कानूनी सहायता लेने का अधिकार रखते हैं।

विरोध के कारण: फिलिस्तीन और गाजा संकट

यह विरोध प्रदर्शन फिलिस्तीन और मध्य पूर्व के मामलों पर ट्रंप की नीतियों के विरोध में किया जा रहा है। खासतौर पर, ट्रंप के गाजा में इजरायली सैन्य कार्रवाई के प्रति समर्थन को लेकर मलेशियाई नागरिक संगठन उनसे नाराज हैं। अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा में इजरायली हमलों में 68,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और 170,200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और संयुक्त राष्ट्र आयोग ने इसे नरसंहार के रूप में देखा है, जिसके कारण मुस्लिम देशों में ट्रंप के प्रति विरोध बढ़ा है।

मलेशिया के नागरिक संगठन इस प्रदर्शन के जरिए यह संदेश देना चाहते हैं कि वे ट्रंप की नीतियों से असहमत हैं और मलेशिया में उनका स्वागत नहीं किया जाएगा। यह प्रदर्शन मलेशिया में अमेरिकी प्रभाव को चुनौती देने के रूप में देखा जा रहा है।