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Up Kiran, Digital Desk: दार्जिलिंग और मिरिक में रविवार को भारी बारिश के चलते भूस्खलन की भयावह घटना हुई। कई ढलान समतल हो गए और कीचड़ में सड़कों का धंसना शुरू हो गया। इस आपदा में अब तक कम से कम 23 लोगों की मौत हो चुकी है। मिरिक क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है जहां 11 लोग मारे गए। दार्जिलिंग उपखंड में भी 7 लोगों की जान गई। अन्य मौतें सरसली, जसबीरगाँव, नागराकाटा, मिरिक बस्ती और धार गाँव जैसे इलाकों में दर्ज की गई हैं।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और स्थानीय प्रशासन लगातार बचाव कार्य में लगे हुए हैं। मलबा हटाने और फंसे लोगों तक पहुंच बनाने के लिए टीम्स दिन-रात काम कर रही हैं। मगर लगातार बारिश और अस्थिर भूभाग के कारण काम धीमा हो रहा है। मिरिक-सुखियापोखरी मार्ग मलबे की वजह से पूरी तरह बंद हो गया है। इसके अलावा सिलीगुड़ी से मिरिक-दार्जिलिंग तक जाने वाला लोहे का पुल भी टूट गया है, जिससे इलाके और अलग-थलग हो गए हैं।

कोलकाता, हावड़ा और हुगली से आए सैकड़ों पर्यटक दुर्गा पूजा मनाने के लिए मिरिक और आसपास के रिसॉर्ट्स में फंसे हुए हैं। दार्जिलिंग पुलिस ने ऐसे पर्यटकों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जिससे वे मदद ले सकें।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्थिति को गंभीर बताते हुए नबान्ना में बैठक की। उन्होंने पीड़ितों को मुआवज़ा देने और फंसे पर्यटकों के लिए राहत की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 12 घंटों में 300 मिमी से ज्यादा बारिश हुई है और भूटान से भारी पानी आने की वजह से ये हादसे हुए हैं।