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Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर राजनीति गर्म हो गई है। इसी बीच चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है, जिसके अनुसार अब SIR केवल बिहार तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि पूरे देश में एक साथ लागू किया जाएगा। आयोग ने 10 सितंबर को दिल्ली में सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों की बैठक बुलाई है, जहां इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
चुनाव आयोग ने SIR में भारतीय नागरिकों की पहचान के लिए अतिरिक्त दस्तावेजों पर भी सुझाव मांगे हैं। बैठक में पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए मौजूदा मतदाताओं की संख्या, पिछली SIR की स्थिति, डिजिटाइजेशन का स्तर, मतदान केंद्रों की संख्या और युक्तीकरण पर रिपोर्ट पेश करनी होगी। साथ ही अधिकारियों और BLOs की नियुक्ति व प्रशिक्षण की स्थिति भी इसमें शामिल होगी।
30 सितंबर तक पूरी की जाएगी प्रक्रिया
फिलहाल बिहार में SIR की प्रक्रिया जारी है, जो 30 सितंबर तक पूरी की जाएगी। आयोग ने अभी आधिकारिक तारीख तय नहीं की है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि 10 सितंबर की बैठक के बाद पूरे देश में SIR लागू करने की तारीख घोषित हो सकती है। गौरतलब है कि 24 जून को ही आयोग ने बिहार से जुड़े आदेश में देशभर में SIR लागू करने का इशारा कर दिया था। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 21 और अन्य प्रावधानों के तहत आयोग को मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण कराने का अधिकार है। इसी के आधार पर अब यह फैसला लिया गया है।
इस निर्णय का राजनीतिक असर भी साफ दिख रहा है। बिहार में चुनाव नजदीक हैं और विपक्ष इस कदम को विवादास्पद बता सकता है। वहीं, पश्चिम बंगाल में भी इसे लागू करने की बात सामने आई है, जिस पर ममता बनर्जी पहले ही विरोध जता चुकी हैं। आशंका है कि SIR से अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और कार्रवाई होगी, जिसका चुनावी नुकसान सीधे तौर पर TMC को झेलना पड़ सकता है।
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