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Up Kiran, Digital Desk: मई 2024 का महीना भारतीय शेयर बाजारों के लिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) के दृष्टिकोण से काफी सकारात्मक रहा। पिछले कुछ महीनों में बिकवाली का दबाव बनाने के बाद, FPIs ने मई में भारतीय इक्विटी में ₹19,860 करोड़ का महत्वपूर्ण शुद्ध निवेश किया। यह पिछले कुछ समय में FPIs के रुझान में एक उल्लेखनीय बदलाव को दर्शाता है।

बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, इस निवेश वृद्धि के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें भारत का मजबूत आर्थिक दृष्टिकोण, आम चुनाव से पहले की राजनीतिक स्थिरता (जिससे एक स्थिर सरकार बनने की उम्मीद थी) और कुछ वैश्विक सूचकांकों में भारतीय शेयरों के बढ़ते भार जैसे कारक शामिल हैं। इन अनुकूल परिस्थितियों ने विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजारों में फिर से पैसा लगाने के लिए प्रोत्साहित किया।

जहां FPIs इक्विटी बाजार में खरीदार रहे, वहीं डेट (बॉन्ड) बाजार में उनका प्रदर्शन मिला-जुला रहा। मई में डेट मार्केट में शुद्ध प्रवाह इक्विटी की तुलना में काफी कम रहा या कुछ हिस्सों में मामूली बहिर्वाह (outflow) भी देखा गया। यह इंगित करता है कि FPIs का मुख्य ध्यान फिलहाल भारतीय कंपनियों के शेयरों पर केंद्रित है।

FPIs का प्रवाह भारतीय पूंजी बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक माना जाता है। उनके निवेश से बाजार की धारणा मजबूत होती है और लिक्विडिटी (तरलता) बढ़ती है। मई में लगभग ₹20,000 करोड़ का यह शुद्ध निवेश यह दर्शाता है कि वैश्विक निवेशक अभी भी भारतीय अर्थव्यवस्था और उसके इक्विटी बाजार के भविष्य के प्रति आश्वस्त हैं, भले ही निकट भविष्य में कुछ उतार-चढ़ाव की आशंका हो। यह आंकड़ा अर्थव्यवस्था में निवेश की गति को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

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