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Up Kiran, Digital Desk: लखनऊ में बसपा अध्यक्ष मायावती ने हाल ही में ओबीसी समाज के पदाधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। इस बैठक में उन्होंने ओबीसी समाज से ना सिर्फ राजनीतिक समर्थन बल्कि आर्थिक सहयोग भी मांगा। मायावती ने कहा कि अगर ओबीसी समाज संगठित होकर एकजुट हो जाए, तो यह सत्ता की मास्टर चाबी पा सकता है।

मायावती ने बैठक में कहा, "आजकल अपर कास्ट समाज राजनीतिक रूप से मजबूत है और वह अपने हित में खुद ही किसी पार्टी से जुड़ सकते हैं। लेकिन ओबीसी समाज के लिए हम एक मजबूत राजनीतिक मोर्चा खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं। बसपा के बैनर तले अगर ओबीसी समाज एकजुट होगा, तो उनकी मुसीबतें जल्दी खत्म हो सकती हैं और अच्छे दिन आ सकते हैं।"

ओबीसी समाज की एकता जरूरी

बसपा सुप्रीमो ने संगठन की जिलावार प्रगति रिपोर्ट भी ली और ओबीसी समाज के विभिन्न जातियों के बिखराव पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कुछ अलग-अलग पार्टी और संगठन बनाने के कारण ओबीसी समाज की एकता प्रभावित हो रही है, जिसका फायदा जातिवादी पार्टियां चुनावों में उठाती हैं। मायावती ने कहा, "बसपा ओबीसी समाज को जाति से ऊपर उठाकर बहुजन समाज से जोड़ने की दिशा में काम कर रही है, ताकि वे अपने अधिकारों से वंचित न रहें। यह देश के लोकतंत्र के लिए जरूरी है।"

वोटर कार्ड और चुनाव आयोग की गाइडलाइन

मायावती ने चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की गाइडलाइन का पालन करने का आग्रह किया। उनका मानना है कि इस प्रक्रिया के जरिए सभी मतदाताओं का वोटर कार्ड बनवाया जा सकता है, जिससे ओबीसी समाज की भागीदारी चुनावों में और बढ़ेगी।