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उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुई 60,244 पुलिस कांस्टेबल पदों की भर्ती को लेकर बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है।  उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि यूपी सरकार ने इस भर्ती को इस तरह प्रचारित किया है जैसे यह कोई असाधारण उपलब्धि हो, जबकि यह एक सामान्य और नियमित प्रक्रिया है।

मायावती ने अपने पहले पोस्ट में लिखा, "यूपी में हाल ही में हुई सिपाही भर्ती को लेकर ऐसा प्रचारित किया गया जैसे यह कोई नई बात हो, जबकि पुलिस में ऐसी भर्ती रूटीन कार्य है, ताकि बैकलॉग की बुराई पुलिस विभाग में भी न आए।"  उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इस प्रक्रिया में सभी वर्गों को न्याय मिला और चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग के लिए क्या ठोस प्रबंध किए गए हैं।

अपने दूसरे पोस्ट में मायावती ने अपने कार्यकाल की याद दिलाते हुए कहा, "बीएसपी की मेरी सरकार में यूपी में 'कानून द्वारा कानून का राज' का न्याय-युक्त माहौल स्थापित करने के लिए एकमुश्त 1.20 लाख नए पद सृजित करके पुलिस भर्ती को ईमानदार बनाया गया, जिस शांति, व्यवस्था का लाभ बिना भेदभाव के समाज के सभी वर्गों के लोगों को मिला, जिसकी अब काफी कमी है।"

मायावती के इस बयान से राज्य सरकार और विपक्ष के बीच एक नई बहस छिड़ गई है।  सरकार ने इस भर्ती को अपनी उपलब्धि बताया है, जबकि विपक्ष इसे मात्र एक नियमित प्रक्रिया मानता है।

इस मुद्दे पर आगे की राजनीति और प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल सकती हैं, जो आगामी विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। 

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