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Up Kiran, Digital Desk:
केंद्र सरकार द्वारा देश में जाति आधारित जनगणना कराने की बात सामने आने के बाद, बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने इस मुद्दे पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP), दोनों पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक के बाद एक पोस्ट लिखकर दोनों पार्टियों की नीयत पर सवाल उठाए हैं।

कांग्रेस पर हमला: 'श्रेय लेने की होड़, पर इतिहास काला'

मायावती ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि वह जाति जनगणना कराने के केंद्र के फैसले का श्रेय लेने की कोशिश में यह भूल गई है कि उसी का इतिहास दलितों और पिछड़ों (OBC) को उनके संवैधानिक हकों, जिसमें आरक्षण भी शामिल है, से वंचित रखने का "काला अध्याय" रहा है। उन्होंने कहा कि इसी वजह से कांग्रेस को सत्ता भी गंवानी पड़ी थी।

मायावती ने कांग्रेस के दलितों और पिछड़ों के प्रति अचानक उमड़े प्रेम को "विश्वास से परे" और केवल इन वर्गों के वोट हासिल करने के लिए "छलावा की अवसरवादी राजनीति" करार दिया। उन्होंने यह भी पूछा कि आरक्षण को धीरे-धीरे बेअसर करके आखिरकार खत्म करने की कांग्रेस की "नापाक मंशा" को भला कौन भूल सकता है?

BJP पर भी निशाना: 'एक ही थाली के चट्टे-बट्टे'

बसपा प्रमुख ने बीजेपी को भी नहीं बख्शा। उन्होंने कहा कि आरक्षण और संविधान के गरीब-हितैषी उद्देश्यों को विफल करने में बीजेपी भी कांग्रेस से कम नहीं है, बल्कि दोनों "एक ही थाली के चट्टे-बट्टे" हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि अब वोटों के स्वार्थ और सत्ता के लालच के कारण बीजेपी को भी जाति जनगणना की जनता की मांग के आगे झुकना पड़ा है, जिसका वह स्वागत करती हैं।

दोनों पार्टियों का रवैया 'जातिवादी और द्वेषपूर्ण'

मायावती ने आरोप लगाया कि संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारत रत्न देने में देरी करने से लेकर, धारा 340 के तहत ओबीसी को आरक्षण देने जैसे कई मामलों में कांग्रेस और बीजेपी, दोनों का रवैया हमेशा से "जातिवादी और द्वेषपूर्ण" रहा है। उन्होंने लोगों को चेताया कि इन पार्टियों के वोट की राजनीति के खेल निराले हैं, इसलिए जनता सावधान रहे।

'अगर नीयत साफ होती तो OBC समाज पिछड़ा न रहता'

अपने अगले पोस्ट में मायावती ने कहा कि लंबे समय तक 'ना-ना' करने के बाद अब केंद्र द्वारा जातीय जनगणना कराने के फैसले का श्रेय लेने के लिए बीजेपी और कांग्रेस में होड़ मची है, ताकि वे खुद को ओबीसी हितैषी साबित कर सकें। लेकिन सच यह है कि इन्हीं पार्टियों के बहुजन-विरोधी रवैये के कारण यह समाज आज भी पिछड़ा, शोषित और वंचित है।

उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस और बीजेपी की नीयत और नीति बहुजन समाज के प्रति साफ होती, तो आज ओबीसी समाज देश के विकास में बराबर का भागीदार बन गया होता और बाबा साहेब अम्बेडकर का 'आत्म-सम्मान व स्वाभिमान' का मिशन सफल होता हुआ दिखाई देता।

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