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Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के 79 वर्षीय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सेहत को लेकर कई दिनों से चल रही अटकलों पर आखिरकार व्हाइट हाउस ने चुप्पी तोड़ दी है। गुरुवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में प्रशासन की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति ट्रंप क्रोनिक वेनस इनसफिशिएंसी नाम की एक उम्रजनित शारीरिक स्थिति से जूझ रहे हैं।

यह बीमारी आमतौर पर बुज़ुर्गों में देखी जाती है, जिसमें पैरों की नसें खून को वापस दिल तक पहुंचाने में पूरी तरह सक्षम नहीं रहतीं। इसके कारण पैरों में सूजन, थकान और भारीपन महसूस हो सकता है। हालांकि, व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया है कि यह कोई गंभीर या जानलेवा बीमारी नहीं है और ट्रंप का समग्र स्वास्थ्य संतोषजनक बना हुआ है।

हाथों के निशानों को लेकर उठे सवालों का जवाब

हाल के हफ्तों में सोशल मीडिया पर ट्रंप की कुछ तस्वीरें वायरल हुई थीं, जिनमें उनके हाथों पर हल्के-हल्के लाल निशान दिखाई दे रहे थे। इन निशानों को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे — किसी ने स्वास्थ्य संकट बताया, तो किसी ने मेडिकल उपकरणों से जोड़ दिया। मगर व्हाइट हाउस ने इन अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ये निशान सामान्य हैं और बार-बार लोगों से हाथ मिलाने की वजह से हुए हैं।

प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप एस्पिरिन का सेवन करते हैं, जो कि रक्त पतला करने वाली दवा है। इससे हल्की सूजन या त्वचा पर जलन हो सकती है, जो उनकी स्थिति को देखते हुए सामान्य है और चिंता की कोई बात नहीं है।

स्वास्थ्य को लेकर ट्रंप का रिकॉर्ड क्या कहता है?

व्हाइट हाउस द्वारा जारी मेडिकल रिपोर्ट में बताया गया कि राष्ट्रपति का हृदय ठीक तरीके से काम कर रहा है। न तो किडनी फंक्शन में कोई समस्या पाई गई और न ही शरीर के अन्य प्रमुख अंगों में कोई गड़बड़ी। डीप वेन थ्रोम्बोसिस या किसी प्रकार की धमनी संबंधी बीमारी के कोई संकेत नहीं मिले। जांच के बाद डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को "उम्र के अनुरूप सामान्य" करार दिया है।

हालांकि अमेरिका में राष्ट्रपति की वार्षिक स्वास्थ्य रिपोर्ट को जारी करना कोई संवैधानिक आवश्यकता नहीं है, लेकिन दशकों से चली आ रही परंपरा के अनुसार अधिकांश राष्ट्रपतियों ने अपनी मेडिकल रिपोर्ट सार्वजनिक की है। ट्रंप ने भी इसी रिवायत को निभाया।

अब सवाल यह कि ट्रंप के स्वास्थ्य पर क्या राजनीति होगी?

दिलचस्प बात यह है कि पिछली बार जब चुनावी मैदान में ट्रंप और बाइडेन आमने-सामने थे, तब ट्रंप ने लगातार बाइडेन की उम्र और मानसिक फिटनेस पर सवाल उठाए थे। उन्होंने इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था और खुद को अधिक सक्रिय और ऊर्जावान नेता के तौर पर पेश किया था।

आज जब ट्रंप खुद किसी स्वास्थ्य स्थिति को लेकर चर्चा में हैं, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में यह विषय अमेरिकी राजनीति में कैसे उभरता है। खासकर तब जब उम्र और सेहत जैसे मुद्दे अमेरिकी मतदाताओं के लिए भावनात्मक और राजनीतिक रूप से संवेदनशील विषय होते हैं।

 

 

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