
Up Kiran, Digital Desk: रूस ने अपनी बेहद शक्तिशाली और अत्याधुनिक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) RS-28 सरमत, जिसे नाटो देशों में 'सैटन 2' (Satan 2) के नाम से जाना जाता है, के ज़रिए दुनिया को एक कड़ा संदेश दिया है। रूस का कहना है कि यह मिसाइल इतनी विनाशकारी है कि अगर किसी देश ने रूस के खिलाफ किसी भी तरह की 'जवाबी कार्रवाई' या 'पलटवार' करने की कोशिश की, तो इसके परिणाम अत्यंत भयावह होंगे और पूरी धरती हिल सकती है।
सरमत मिसाइल को दुनिया की सबसे ताकतवर मिसाइलों में से एक माना जाता है। इसकी रेंज हजारों किलोमीटर है और यह कई परमाणु या गैर-परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। इसकी गति और उन्नत तकनीक इसे मौजूदा मिसाइल रक्षा प्रणालियों के लिए लगभग अजेय बनाती है। रूस इस मिसाइल को अपनी सुरक्षा और निवारक क्षमता (deterrent) का एक प्रमुख स्तंभ मानता है।
रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी देशों के साथ बढ़ते तनाव के संदर्भ में इस तरह की मिसाइल का उल्लेख और उसकी क्षमताओं को बढ़ा-चढ़ाकर या चेतावनी भरे लहजे में बताना, रूस की ओर से एक स्पष्ट संकेत है। यह उन देशों के लिए एक परोक्ष या प्रत्यक्ष चेतावनी है जो रूस के सैन्य अभियानों या हितों के खिलाफ किसी बड़ी कार्रवाई की योजना बना रहे हैं।
यह बयान दिखाता है कि रूस किसी भी संभावित संघर्ष में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और विरोधियों को रोकने के लिए अपने रणनीतिक हथियारों का इस्तेमाल एक राजनीतिक और सैन्य उपकरण के रूप में कर रहा है। सरमत मिसाइल का जिक्र करके रूस अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी ताकत का अहसास कराना चाहता है और यह संदेश देना चाहता है कि उसके साथ टकराव के नतीजे पूरी दुनिया के लिए विनाशकारी हो सकते हैं।
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