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2023 में मानसून कैसा रहेगा इस पर भी किसान और अन्य आम लोग ध्यान दे रहे हैं। इस बीच मौसम विभाग ने मानसून का अपना अहम पूर्वानुमान दिया है।

मौसम महकमे ने भविष्यवाणी की है कि इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान भारत में औसत वर्षा होगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत, पश्चिम भारत, मध्य और उत्तर-पूर्व भारत में सामान्य से कम औसत वर्षा होने की संभावना है। दक्कन के पठार के कुछ हिस्सों, पूर्व और उत्तर-पूर्व क्षेत्रों से सटे और उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के कुछ हिस्सों में मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

आईएमडी ने बताया कि इस साल देश में जून से सितंबर तक 83.5 मिमी बारिश होगी। विभाग ने बताया कि इस साल जून से सितंबर तक 83.5 मिमी बारिश होगी। विभाग ने बताया कि इस साल जून से सितंबर तक बारिश की 96 फीसदी संभावना है। यह वर्षा सामान्य वर्षा की सीमा के भीतर होती है।

मौसम को देखते हुए इस साल 67 फीसदी संभावना है। बारिश सामान्य या सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।

अल नीनो का असर इस साल भी देखने को मिलेगा। यानी सूखे जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। मिली जानकारी के मुताबिक, मानसून के दौरान अल नीनो की स्थिति विकसित हो सकती है। साथ ही इसका असर मानसून के दूसरे चरण में भी देखा जा सकता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बारिश कम हो जाएगी। अल नीनो के दौरान पिछले कुछ वर्षों में सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश हुई है।

दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान एक सकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुवीय स्थिति विकसित हो सकती है। 1951 से 2022 तक 6 साल अल नीनो की स्थिति रही जब मैच से ज्यादा देखा गया।

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