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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में तेज बारिश की संभावना के चलते लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने सूचित किया है कि आगामी गुरुवार से पश्चिमी यूपी में मानसून की सक्रियता बढ़ेगी। इसके साथ ही सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर और बिजनौर जिलों में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अतिरिक्त 19 अन्य जिलों में बारिश के कारण यलो अलर्ट भी लागू है। साथ ही 36 जिलों में गरज के साथ बिजली गिरने की चेतावनी भी दी गई है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
पिछले दिन बुधवार को महाराजगंज, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और तराई क्षेत्र में मध्यम से भारी वर्षा दर्ज की गई। खासकर सिद्धार्थनगर में 77 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई, जो इस दौरान सबसे अधिक थी। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, अमौसी के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि पूर्वी यूपी और तराई क्षेत्रों में हुई बारिश के बाद अब पश्चिमी यूपी में 14 और 15 अगस्त को अच्छी बरसात के संकेत मिल रहे हैं।
बारिश के चलते स्कूलों में छुट्टी की घोषणा
बारिश की वजह से बुधवार देर रात लखनऊ शहर में कक्षाओं को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। 14 अगस्त को सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में पहले ही छेलम की छुट्टी घोषित की गई थी। लखनऊ के जिलाधिकारी विशालकुमार ने आदेश जारी कर सभी शैक्षणिक संस्थानों में कक्षा 1 से 12 तक की पढ़ाई को बंद करने का निर्देश दिया है। यह आदेश सभी बोर्डों के स्कूलों पर लागू होगा, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
गुरुवार के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट
विशेषकर सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर एवं आस-पास के इलाकों में अत्यधिक वर्षा हो सकती है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
यलो अलर्ट में शामिल जिले
लखीमपुर खीरी, हरदोई, फिरोजाबाद, कन्नौज, कासगंज, मैनपुरी, इटावा, औरैया, अमरोहा, मोरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, जालौन, झांसी, ललितपुर और इनके आस-पास के इलाके यलो अलर्ट के दायरे में हैं।
मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लेना आवश्यक
बिजली गिरने, भारी बारिश और तूफानी हवा की संभावना के कारण खासतौर पर ग्रामीण और निम्न संसाधन वाले क्षेत्रों में लोगों को सतर्क रहना चाहिए। अधिकारियों ने आपदा प्रबंधन दलों को अलर्ट रहने और जरूरत पड़ने पर राहत कार्यों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। मौसम में हो रहे इन बदलावों से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
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