img

Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हाल ही में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में तीन महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं, जो देश के विकास के दृष्टिकोण से बड़े मील के पत्थर साबित हो सकते हैं। इन फैसलों का उद्देश्य रोजगार सृजन, निवेश में वृद्धि और देश की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।

पहला बड़ा फैसला लखनऊ मेट्रो के नए चरण को मंजूरी देने का था। इस कदम से शहर के सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। नए फेज के तहत मेट्रो नेटवर्क का विस्तार होगा और यह लखनऊ की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाएगा।

दूसरा निर्णय चार नए सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी देना था। इन प्रोजेक्ट्स में भारी निवेश किया जाएगा, जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र को मजबूती मिलेगी और देश में तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिहाज से एक नया मुकाम देगा।

तीसरे फैसले के तहत, अरुणाचल प्रदेश के शि योमी जिले में 700 मेगावाट की क्षमता वाले एक हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई। यह प्रोजेक्ट ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान करेगा और क्षेत्रीय विकास के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।

लखनऊ मेट्रो के फेज-1B के तहत 11.165 किमी लंबी मेट्रो लाइन तैयार की जाएगी, जिसमें 12 स्टेशन होंगे। इनमें सात स्टेशन भूमिगत और पांच ऊपरी स्तर पर होंगे। इस फेज के शुरू होने से लखनऊ के मेट्रो नेटवर्क की कुल लंबाई 34 किमी तक पहुंच जाएगी। नए मेट्रो कॉरिडोर में उन क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा, जो पुराने और घनी आबादी वाले हैं।

इससे अमीनाबाद, यहियागंज, पांडेगंज, चौक, केजीएमयू मेडिकल कॉलेज, बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, भूलभुलैया, घंटाघर, रूमी दरवाजा जैसे लखनऊ के प्रमुख स्थानों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। यह मेट्रो नेटवर्क न केवल यात्रा को सुविधाजनक बनाएगा, बल्कि व्यापारिक गतिविधियों और पर्यटन को भी एक नया दिशा देगा।

इसके साथ ही, इन नए मेट्रो स्टेशनों के आसपास विकास और निवेश की संभावनाएं भी प्रबल होंगी, जो लखनऊ की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार के संकेत हैं।

--Advertisement--