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Up Kiran, Digital Desk: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आज क्या कुछ नहीं कर रहा! वह आपके लिए तस्वीरें बना रहा है, कविताएं लिख रहा है और आपके सवालों के जवाब दे रहा है। लेकिन सोचिए, अगर यही AI आपके शरीर का सबसे बड़ा राज खोल दे? अगर वह आपको यह बता दे कि आने वाले 20 या 30 सालों में आपको कौन सी गंभीर बीमारी होने का खतरा है, ताकि आप समय रहते उससे बच सकें?

यह कोई साइंस फिक्शन फिल्म की कहानी नहीं है। दुनिया की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक, माइक्रोसॉफ्ट, ने एक ऐसी खुफिया टीम बनाई है, जिसका मकसद ही यही है - एक ऐसा AI बनाना जो इंसानों से ज्यादा 'स्मार्ट' हो, लेकिन सिर्फ इसलिए ताकि वह हमें एक लंबी और स्वस्थ जिंदगी जीने में मदद कर सके।

क्या है माइक्रोसॉफ्ट का यह 'Project Longevity'?

माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी इस नई AI डिवीजन का नेतृत्व डॉ. मार्क हसिह (Dr. Mark Hsieh) जैसे बड़े वैज्ञानिक को सौंपा है, जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया और जेनेटिक्स पर रिसर्च के लिए जाने जाते हैं। इस प्रोजेक्ट का मकसद सिर्फ बीमारियों का इलाज ढूंढना नहीं है, बल्कि बीमारियों को होने से ही रोकना है।

यह एक तरह का 'मेडिकल ज्योतिषी' होगा, जो आपकी कुंडली नहीं, बल्कि आपका DNA और आपकी जीवनशैली पढ़कर आपके स्वास्थ्य का भविष्य बताएगा।

कैसे काम करेगा यह 'चमत्कारी' AI?

इस AI को एक सुपर-डिटेक्टिव की तरह समझिए। यह आपके बारे में हर छोटी-बड़ी जानकारी को एक साथ देखेगा और उसमें छिपे उन पैटर्न्स को ढूंढेगा, जिन्हें पकड़ पाना किसी भी इंसान, यहाँ तक कि बड़े-बड़े डॉक्टरों के लिए भी नामुमकिन है।

क्या-क्या देखेगा यह AI? आपका पूरा जेनेटिक कोड (DNA), आपकी मेडिकल हिस्ट्री, आपके खाने-पीने की आदतें, आपका एक्सरसाइज रूटीन, और यहाँ तक कि आपके इलाके का प्रदूषण स्तर भी।

क्या करेगा यह? इन करोड़ों डेटा पॉइंट्स को एनालाइज करके, यह AI ऐसे कनेक्शन ढूंढेगा जो छुपे हुए हैं। उदाहरण के लिए, यह बता सकता है कि आपके एक खास जीन और आपके हफ्ते में तीन दिन बाहर खाने की आदत के बीच एक ऐसा कनेक्शन है, जिससे आपको 20 साल बाद दिल की बीमारी होने का खतरा 80% तक बढ़ सकता है।

फिर क्या होगा? यह सिर्फ खतरा बताकर आपको डराएगा नहीं, बल्कि उससे बचने का रास्ता भी सुझाएगा। यह आपको बताएगा कि आपको अपनी डाइट में कौन से बदलाव करने हैं, कौन सी एक्सरसाइज आपके लिए सबसे अच्छी है, या कौन सा शुरुआती टेस्ट आपको करा लेना चाहिए।

क्या यह डॉक्टरों की जगह ले लेगा?

बिल्कुल नहीं। माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि उनका मकसद डॉक्टरों को रिप्लेस करना नहीं, बल्कि उन्हें एक 'सुपरपावर' देना है। यह AI डॉक्टरों के हाथ में एक ऐसा जादुई आईना देने जैसा है, जिससे वह अपने मरीज के स्वास्थ्य के भविष्य में झाँक सकेंगे और उसे बीमार पड़ने से पहले ही बचा सकेंगे।

यह सिर्फ जिंदगी (Lifespan) बढ़ाने के बारे में नहीं है, बल्कि 'स्वस्थ जिंदगी' (Healthspan) बढ़ाने के बारे में है। यानी आप सिर्फ लंबा जिएंगे ही नहीं, बल्कि बुढ़ापे में भी स्वस्थ और एक्टिव रहेंगे। यह टेक्नोलॉजी अगर कामयाब हो जाती है, तो यह मेडिकल की दुनिया में एक ऐसी क्रांति ला सकती है, जिसकी हमने सिर्फ कल्पना ही की थी।