Up Kiran, Digital Desk: कई बार विज्ञान और तकनीक किसी चमत्कार की तरह काम करते हैं और उन लोगों की जिंदगी में उम्मीद की किरण ले आते हैं, जो लगभग हार मान चुके होते हैं। गुरुग्राम के एक अस्पताल में कुछ ऐसा ही हुआ, जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से एक 39 वर्षीय महिला 19 साल के लंबे और दर्दभरे इंतजार के बाद गर्भवती हो पाई है।
यह महिला और उनके पति पिछले 19 सालों से माता-पिता बनने के लिए संघर्ष कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने 15 बार आईवीएफ (IVF) का सहारा लिया, जो हर बार असफल रहा। हर नाकाम कोशिश के साथ उनकी उम्मीदें टूटती जा रही थीं और वे भावनात्मक और आर्थिक रूप से थक चुके थे।
लेकिन इस बार, डॉक्टरों ने एक बिल्कुल नई और एडवांस तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला किया, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को शामिल किया गया।
आखिर AI ने यह चमत्कार कैसे किया?
आईवीएफ प्रक्रिया में, कई भ्रूण (Embryos) तैयार किए जाते हैं। इसमें सबसे बड़ी चुनौती होती है यह चुनना कि कौन सा भ्रूण सबसे स्वस्थ है और जिसके गर्भ में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित (implant) होने की संभावना सबसे ज्यादा है।
यहीं पर AI ने एक एक्सपर्ट की भूमिका निभाई। AI ने हजारों भ्रूणों की तस्वीरों के डेटा का विश्लेषण कर यह सीखा है कि एक स्वस्थ भ्रूण कैसा दिखता है। इस तकनीक ने महिला के भ्रूणों की तस्वीरों को स्कैन किया और उनमें से सबसे 'ताकतवर' और सबसे बेहतर क्वालिटी वाले भ्रूण को चुना।
जब डॉक्टरों ने AI द्वारा चुने गए इस सबसे अच्छे भ्रूण को महिला के गर्भ में प्रत्यारोपित किया, तो नतीजा सफल रहा और 19 साल का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया। यह कहानी उन अनगिनत जोड़ों के लिए एक नई उम्मीद है जो संतान सुख के लिए संघर्ष कर रहे हैं, और यह दिखाती है कि कैसे तकनीक इंसानियत के लिए एक वरदान बन सकती है।
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