
Up Kiran, Digital Desk: सरकारी दफ्तरों में सालों तक शिकायतों का न सुलझना एक आम बात मानी जाती है। लेकिन आयुष मंत्रालय ने हाल ही में जो कर दिखाया है, वह इस सोच को बदलने की दिशा में एक बड़ा और सकारात्मक कदम है। मंत्रालय ने अपने 'स्पेशल कैंपेन 4.0' के तहत आम लोगों की 1,100 से ज़्यादा शिकायतों का निपटारा करके एक नई मिसाल कायम की है।
यह अभियान सिर्फ फाइलों की सफाई तक ही सीमित नहीं था, बल्कि इसका असली मकसद आम आदमी के भरोसे को जीतना था, जिसे अपने काम के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं।
क्या था यह ‘स्पेशल कैंपेन 4.0: नवंबर 2024 से अगस्त 2025 के बीच चले इस विशेष अभियान का एक ही लक्ष्य था - सरकारी काम में तेजी लाना, दफ्तरों का माहौल सुधारना और सालों से अटके पड़े मामलों को तुरंत सुलझाना।
आयुष मंत्रालय ने इस अभियान को पूरी गंभीरता से लिया और लोगों की शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर हल किया।
क्या रहे इस अभियान के नतीजे?: इस अभियान के नतीजे बेहद शानदार और हौसला बढ़ाने वाले रहे:
1,116 शिकायतों का समाधान: आम लोगों द्वारा दर्ज की गईं हज़ारों शिकायतों में से 1,116 को पूरी तरह से हल कर दिया गया।
सांसदों और PMO के मामलों पर भी एक्शन: अभियान के दौरान सांसदों द्वारा भेजे गए 56 मामले, 12 संसदीय आश्वासन, 9 राज्य सरकारों के रेफरेंस और प्रधानमंत्री कार्यालय से आए 10 मामलों को भी तेजी से निपटाया गया।
टॉप-10 में लगातार शामिल: यह कोई एक बार की कामयाबी नहीं है। आयुष मंत्रालय लगातार शिकायतें सुलझाने के मामले में केंद्र सरकार के टॉप 10 मंत्रालयों में अपनी जगह बनाए हुए है। यह दिखाता है कि मंत्रालय आम लोगों की समस्याओं को लेकर कितना गंभीर है।
यह अभियान इस बात का सबूत है कि अगर इरादे नेक हों, तो सरकारी सिस्टम को भी ज़्यादा कुशल, पारदर्शी और जन-हितैषी बनाया जा सकता है। आयुष मंत्रालय की यह पहल दूसरे विभागों के लिए भी एक बेहतरीन मिसाल है, जो यह साबित करती है कि सरकार आम आदमी के भरोसे को जीतने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।