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Up Kiran, Digital Desk: गौतम बुद्ध नगर पुलिस ने एक बार फिर मानवता और त्वरित कार्रवाई का एक शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया। शुक्रवार को सेक्टर 126 में दो बच्चियाँ रोती हुई पाई गईं, जिन्हें उनके माता-पिता से अलग होने के कुछ घंटों बाद ही उनकी सुरक्षा में वापस लाया गया।

मिशन शक्ति टीम और नोएडा के सहायक पुलिस आयुक्त की तत्परता ने इस केस को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। इस घटना में पुलिस की कार्यकुशलता और संवेदनशीलता ने सबको प्रभावित किया।

दो बच्चियों की लापता होने की सूचना मिली

अधिकारियों के मुताबिक, सेक्टर 126 में पुलिस प्रतिक्रिया वाहन को सूचना मिली कि दो बच्चियाँ रोते हुए इलाके में पाई गईं। एक बच्ची करीब 5 साल की थी, जबकि दूसरी लगभग डेढ़ साल की थी। मिशन शक्ति टीम ने तुरंत इन बच्चों को अपने पास लिया और उनसे पूछताछ शुरू की।

जल्द ही यह स्पष्ट हुआ कि दोनों बच्चियाँ केवल बंगाली समझती थीं, जिससे यह जानना मुश्किल हो गया कि वे कहां से आईं या उनके माता-पिता का नाम क्या था। इस स्थिति में पुलिस को भाषा की दीवार से जूझना पड़ा, लेकिन समाधान जल्दी ही सामने आया।

भाषाई अवरोध के बावजूद, एसीपी ने पाया हल

इस बीच, एसीपी प्रवीण कुमार सिंह गश्त के दौरान थाने पहुंचे और जब उन्होंने मामले के बारे में सुना, तो तुरंत बच्चे से बातचीत शुरू की। एसीपी सिंह, जो बंगाली भाषा जानते थे, ने बच्चियों से सहज तरीके से संवाद स्थापित किया।

बड़ी बच्ची ने एसीपी से कहा कि वह हाजीपुर अंडरपास का रास्ता पहचान सकती है, जिससे पुलिस को एक महत्वपूर्ण सुराग मिला। इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने सेक्टर 133 स्थित एक श्रमिक शिविर का रुख किया, जहां करीब तीन किलोमीटर दूर बच्चों के माता-पिता बेतहाशा उनकी तलाश में थे।

कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए बच्चों को सौंपा गया

मामले की पुष्टि होते ही, पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया और बच्चों को उनके माता-पिता के हवाले कर दिया। परिवार ने अपनी लापता बेटियों को सुरक्षित पाकर राहत की सांस ली और पुलिस का आभार व्यक्त किया।