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Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अपनी दो दिवसीय जापान यात्रा पर रवाना होंगे। इस दौरान वे जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा से मुलाकात करेंगे और 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे। यह मोदी की जापान की आठवीं यात्रा होगी, लेकिन इशिबा के साथ उनकी पहली द्विपक्षीय बैठक होगी।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों नेता भारत-जापान विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी की व्यापक समीक्षा करेंगे। चर्चा का एजेंडा रक्षा और सुरक्षा सहयोग, व्यापार एवं निवेश, तकनीकी नवाचार, जन-से-जन संपर्क और क्षेत्रीय व वैश्विक विकास जैसे अहम मुद्दों पर केंद्रित रहेगा। मंत्रालय ने कहा है कि यह बैठक दोनों देशों के बीच “लंबे समय से चले आ रहे भरोसेमंद संबंधों को नई दिशा देगी।”
जापान से बड़े निवेश की उम्मीद
टोक्यो की मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, जापान इस यात्रा के अवसर पर भारतीय परियोजनाओं में 10 ट्रिलियन येन (लगभग 68 अरब डॉलर) के निवेश लक्ष्य की घोषणा कर सकता है। यह घोषणा संयुक्त बयान का हिस्सा हो सकती है। याद दिला दें कि मार्च 2022 में तत्कालीन प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भारत में 5 ट्रिलियन येन निवेश पैकेज की घोषणा की थी। अब इस राशि को दोगुना करने की योजना दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्तों की गहराई को दर्शाती है।
बुलेट ट्रेन से आगे: एआई और सेमीकंडक्टर पर जोर
सूत्र बताते हैं कि भारत और जापान एक नए आर्थिक सुरक्षा ढाँचे पर सहमत हो सकते हैं। इसमें सेमीकंडक्टर, महत्वपूर्ण खनिज और स्वच्छ ऊर्जा जैसी उभरती प्राथमिकताओं को केंद्र में रखा जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी व इशिबा की सेंडाई यात्रा की भी संभावना जताई जा रही है। यह शहर जापान का प्रौद्योगिकी और सेमीकंडक्टर हब माना जाता है। खास बात यह है कि दोनों नेता वहाँ बुलेट ट्रेन के ज़रिए पहुँच सकते हैं, जो भारत-जापान सहयोग की सबसे चर्चित परियोजनाओं में से एक है। टोक्यो और नई दिल्ली एक नई मोबिलिटी पार्टनरशिप शुरू करने पर भी विचार कर रहे हैं।