Manipur news: NIA ने मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा से संबंधित तीन प्रमुख मामलों की जांच का कार्यभार संभाल लिया है। इस हिंसा के कारण कई लोगों की जानें गई हैं और राज्य में अशांति फैली हुई है। गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एनआईए ने मणिपुर पुलिस से इन मामलों को अपने हाथ में लिया, ताकि राज्य में बढ़ती हिंसा और सामाजिक अशांति की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
प्रमुख मामले:
सीआरपीएफ और कुकी उग्रवादियों के बीच गोलीबारी: जिरीबाम इलाके में हुई इस गोलीबारी में कम से कम 10 उग्रवादी मारे गए थे।
छह लोगों का अपहरण: जिरीबाम में अपहरण के कुछ समय बाद इन छह लोगों के शव बरामद हुए, जिसके संबंध में एनआईए ने एक अलग मामला दर्ज किया है।
गृह मंत्रालय ने इन मामलों को एनआईए को सौंपते हुए कहा कि "प्रभावी जांच के लिए महत्वपूर्ण मामलों को एनआईए को सौंपा गया है।" यह निर्णय उस समय आया है जब मणिपुर में कुकी-जो-हमार और मैतेई समुदायों के बीच तनाव और संघर्ष बढ़ गया है।
सुरक्षा बलों को निर्देश
गृह मंत्रालय ने सभी सुरक्षा बलों को क्षेत्र में शांति और व्यवस्था बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि हिंसक गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा, मणिपुर में बढ़ती हिंसा को नियंत्रित करने के लिए 2,000 अतिरिक्त केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के जवानों को तैनात किया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकें की हैं और आगे की कार्रवाई पर चर्चा करेंगे।
जनता से अपील:
गृह मंत्रालय ने जनता से शांति बनाए रखने और अफवाहों का शिकार होने से बचने की अपील की है। उन्होंने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने का भी आग्रह किया है।
इस प्रकार, एनआईए की जांच और गृह मंत्रालय के निर्देशों से मणिपुर में स्थिति को सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
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