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कोलकाता की अलीपुर जिला अदालत ने टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज मोहम्मद शमी को हसीन जहां को अंतरिम भरण-पोषण के तौर पर पचास हजार रुपए महीना देने का निर्देश दिया है।

जज गांगुली ने मोहम्मद शमी को अंतरिम रखरखाव के रूप में पत्नी हसीन जहां को प्रति माह पचास हजार रुपए देने का आदेश दिया।

वहीं, मोहम्मद शमी को यह रकम हर महीने की 10 तारीख को चुकानी है। इसके अलावा 2018 में इसी मामले में कोर्ट ने शमी को उनकी बेटी के लिए हर महीने 80 हजार रुपए देने का आदेश दिया था।

जज गांगुली ने सोमवार को अपने फैसले में यह भी कहा कि यह आदेश 2018 में मामले की शुरुआत से प्रभावी होगा। यानी शमी को उस साल मार्च में केस दर्ज होने के बाद से बकाया राशि का भुगतान करना होगा।

तो शमी को अब हर महीने 1।30 लाख रुपए देने होंगे। जस्टिस आनंदिता गांगुली के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2020-21 के आयकर विभाग के आंकड़ों से मोहम्मद शमी की आय स्पष्ट होती है।

उस साल मोहम्मद शमी की कमाई 7.19 करोड़ थी। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि हसीन जहां हर महीने 10 लाख रुपए कमाती हैं, इसलिए उनकी याचिका खारिज की जाती है।

 

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