
लखनऊ: गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग और नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य शनिवार, 12 अप्रैल से शुरू हो चुका है, जो 3 मई तक चलेगा। इस 22 दिवसीय कार्य के कारण उत्तर रेलवे ने करीब 100 ट्रेनों को रद्द करने का निर्णय लिया है। प्रभावित ट्रेनों में वे ट्रेनें शामिल हैं जो गोरखपुर से मुंबई, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, गुजरात और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के लिए संचालित होती हैं। इसके अलावा कुछ ट्रेनों के रूट और समय में भी बदलाव किया गया है।
कई प्रमुख ट्रेनें रद्द
गोरखपुर से चलने वाली और यहां आने वाली कई प्रमुख ट्रेनें, जैसे पूर्वांचल एक्सप्रेस, सत्याग्रह एक्सप्रेस, जननायक एक्सप्रेस, जनसाधारण एक्सप्रेस, चंपारण हमसफर एक्सप्रेस, रांची-गोरखपुर एक्सप्रेस और मौर्य एक्सप्रेस सहित कई सवारी गाड़ियां भी इस सूची में शामिल हैं। प्रभावित ट्रेनों में गोरखपुर के अलावा रक्सौल, दरभंगा, लखनऊ, पाटलिपुत्र, आसनसोल, कोलकाता, आनंद विहार, शालीमार, राधिकापुर, पूर्णिया कोर्ट, अमृतसर और कटिहार जैसे प्रमुख स्टेशनों की ट्रेनें भी शामिल हैं।
प्रभावित यात्री तैयार रहें
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे यात्रा से पहले अपनी ट्रेन की स्थिति की जांच कर लें। रद्द की गई ट्रेनों के यात्रियों को टिकट की पूरी राशि लौटाई जाएगी। साथ ही, यात्रियों को किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए स्टेशन और हेल्पलाइन पर विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।
कुछ ट्रेनें होंगी पुनर्निर्धारित
19269 पोरबंदर-मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस 24 अप्रैल और 01 मई को पोरबंदर से 4 घंटे 30 मिनट विलंब से चलेगी।
22551 दरभंगा-जालंधर सिटी एक्सप्रेस 12 अप्रैल को दरभंगा से 4 घंटे विलंब से रवाना होगी।
09452 भागलपुर-गांधीधाम स्पेशल 14 अप्रैल को 1 घंटे की देरी से भागलपुर से रवाना होगी।
12565 दरभंगा-नई दिल्ली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस 22, 25, 26, 27 अप्रैल और 02 मई को दरभंगा से 3 घंटे देर से चलेगी।
12553 सहरसा-नई दिल्ली वैशाली एक्सप्रेस 26 अप्रैल और 02 मई को सहरसा से 3 घंटे देर से रवाना होगी।
12522 एर्नाकुलम-बरौनी राप्ती सागर एक्सप्रेस 25 अप्रैल को एर्नाकुलम से 4 घंटे की देरी से शुरू होगी।
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे अपडेटेड जानकारी के लिए रेलवे की वेबसाइट या हेल्पलाइन नंबर से संपर्क में रहें। यह बदलाव अस्थायी हैं और आवश्यक तकनीकी सुधारों के लिए किए जा रहे हैं, ताकि भविष्य में रेल यातायात और भी सुचारू और सुरक्षित बनाया जा सके।