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22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्तों को और अधिक गहरा कर दिया है। दोनों देशों की सेनाएं युद्धाभ्यास में जुट गई हैं और वैश्विक समुदाय की नजरें भारत-पाकिस्तान की गतिविधियों पर टिकी हुई हैं। इसी कड़ी में इतिहास के पन्नों से एक ऐसी दास्तान सामने आती है जो भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 के युद्ध का मूक गवाह बनी - राजस्थान के रेगिस्तान में स्थित तनोट राय माता का मंदिर।

चमत्कारी मंदिर जो बमों से भी अडिग रहा

जैसलमेर जिले में भारत-पाकिस्तान सरहद से महज बीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित तनोट राय माता मंदिर अपनी चमत्कारी घटनाओं के लिए विख्यात है। 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तानी फौज ने इस क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए करीब 3000 बम गिराए थे। इनमें से लगभग 450 बम तो सीधे मंदिर परिसर में गिरे मगर चमत्कारिक रूप से एक भी बम फटा नहीं और मंदिर की एक भी ईंट को नुकसान नहीं पहुंचा। आज भी ये बम मंदिर परिसर में एक संग्रहालय के रूप में सुरक्षित रखे गए हैं जहां आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक इस अद्भुत इतिहास के साक्षी बनते हैं।

विजय स्तंभ: वीरता का प्रतीक

तनोट माता मंदिर परिसर में एक विजय स्तंभ भी स्थापित है जो भारतीय सैनिकों की अदम्य वीरता और माता के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। हर साल बड़ी संख्या में सैनिक और नागरिक यहां आकर विजय दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

पाकिस्तानी ब्रिगेडियर भी हुए माता के चमत्कार से प्रभावित

तनोट माता के चमत्कारों की गूंज पाकिस्तान तक भी पहुंची थी। 1965 के युद्ध के बाद पाकिस्तानी ब्रिगेडियर शाहनवाज खान जब यह जानकर हैरान हुए कि उनके फेंके गए सैकड़ों बम फटे ही नहीं तो उन्होंने भारत सरकार से मंदिर के दर्शन की अनुमति मांगी। अनुमति मिलने पर उन्होंने तनोट माता के दर्शन किए और अपनी श्रद्धा स्वरूप मंदिर में चांदी का छत्र भेंट किया जो आज भी वहां स्थापित है।

तनोट माता आज भी देती हैं आस्था का संबल

तनोट राय माता का मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है बल्कि यह भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस विश्वास और देशभक्ति का प्रतीक भी है। आज भी हर युद्ध या संकट की घड़ी में सैनिक माता के चरणों में आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। वर्तमान हालात में जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है तनोट माता का यह इतिहास उम्मीद और विश्वास की एक अनमोल मिसाल बनकर सामने आता है।

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