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Up Kiran, Digital Desk:  बिहार की सियासत इन दिनों नए मोड़ पर है और इसकी एक झलक कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत की प्रेस कॉन्फ्रेंस में देखने को मिली। तेज़ लहजे और ठोस तथ्यों के साथ श्रीनेत ने बिहार की राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों पर सीधा प्रहार किया। उन्होंने दावा किया कि अब राज्य का युवा और खासकर महिलाएं बदलाव चाहती हैं—एक ऐसा बदलाव जो सिर्फ नारों में नहीं, ज़मीन पर दिखाई दे।

इस प्रेस वार्ता की सबसे बड़ी घोषणा रही कांग्रेस की महिला केंद्रित योजना, जिसमें श्रीनेत ने कहा कि अगर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन सत्ता में आता है, तो राज्य की महिलाओं के बैंक खातों में हर महीने ₹2500 सीधे ट्रांसफर किए जाएंगे।

उनके मुताबिक, "जब महिलाएं आर्थिक रूप से सक्षम होंगी, तभी उनके सामाजिक अधिकार भी मजबूत होंगे और पूरे परिवार की स्थिति सुधरेगी। ये सिर्फ स्कीम नहीं, सामाजिक क्रांति की शुरुआत होगी।"

कर्नाटक मॉडल का हवाला, बीजेपी पर हमला

सुप्रिया श्रीनेत ने अपने दावे के समर्थन में कर्नाटक की गृह लक्ष्मी योजना का ज़िक्र किया, जिसमें कांग्रेस सरकार द्वारा हर महिला को प्रतिमाह ₹2000 की मदद दी जाती है। "कांग्रेस ने जो कहा, वह किया। डेढ़ करोड़ महिलाओं को सीधा लाभ मिला है। बिहार में भी यही मंशा है।"

वहीं बीजेपी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली चुनाव से पहले बीजेपी ने भी ₹2500 देने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद भूल गई। महाराष्ट्र में महिलाओं को मिलने वाली ₹1500 की योजना को बीजेपी सरकार ने सत्ता में आते ही बंद कर दिया।

उन्होंने इन उदाहरणों के ज़रिए यह बताने की कोशिश की कि कांग्रेस की ‘गारंटी’ और बीजेपी के ‘वादे’ में फर्क है—एक ज़मीन पर उतरता है, दूसरा भाषणों में ही रह जाता है।

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