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Up Kiran, Digital Desk: तुमकुरु जिला कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से लगभग 100 किलोमीटर दूर है। चिम्पुगनहल्ली में एक खूनी वारदात हुई जिसने पूरे कर्नाटक राज्य में हड़कंप मचा दिया है। इस इलाके में एक महिला की हत्या कर उसके शरीर के 19 टुकड़े कर दिए गए। इसके बाद, हर टुकड़े को 19 अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया गया। पुलिस ने अब इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली है। इस मामले में महिला के दामाद समेत 3 लोगों को अरेस्ट किया गया है।

पुलिस को चिम्पुगनहल्ली में शव के टुकड़े मिले। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, फोरेंसिक विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया था कि शव एक महिला का था। चूँकि महिला के शरीर के अंगों पर लगे गहने एक जैसे थे, इसलिए चोरी के इरादे से हत्या किए जाने की संभावना खत्म हो गई। इसके बाद पुलिस ने इलाके में लापता महिलाओं के बारे में जानकारी जुटानी शुरू कर दी। एसपी अशोक केवी ने इस मामले में कई टीमें लगाई थीं।

इस जाँच के दौरान पुलिस को पता चला कि बेल्लावी निवासी 42 वर्षीय लक्ष्मीदेवम्मा लापता हैं। उनके पति बसवराज ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला को आखिरी बार 3 अगस्त को हनुमंतपुरा में अपनी बेटी तेजस्वी के घर से निकलते हुए देखा गया था। शुरुआत में पुलिस को केवल शरीर के कुछ अंग मिले, लेकिन सिर नहीं। आगे की जाँच के दौरान उन्हें महिला का सिर भी मिला। लक्ष्मीदेवम्मा के पति ने शव की पहचान की।

पुलिस टीम को 3 अगस्त को ही एक सफेद मिनी एसयूवी मिली, जो हनुमंतपुरा से कोराटागेरे के लिए निकली थी। जाँच करने पर पता चला कि दोनों वाहनों की नंबर प्लेट अलग-अलग थीं। असली नंबर की जाँच के बाद पुलिस उर्दिगेरे गाँव के एक किसान सतीश तक पहुँची। फ़ोन रिकॉर्ड की जाँच से पता चला कि जिस दिन लक्ष्मीदेवम्मा गायब हुईं, उस दिन सतीश का फ़ोन बंद था और अगले दिन भी बंद था।

रिपोर्ट के अनुसार, मुखबिरों ने पुलिस को बताया कि एसयूवी 3 और 4 अगस्त को सतीश के खेत में देखी गई थी। जब पुलिस ने सतीश को थाने बुलाया, तब वह चिंगमलुरु में था। पुलिस ने उसका पीछा किया और उसे होरानाडु मंदिर के पास किरण नाम के एक साथी के साथ पकड़ लिया। शुरुआत में, दोनों ने खुद को निर्दोष बताया।

कार में मिले अहम सबूत!

पुलिस ने जब कार की जाँच की, तो पता चला कि इसे 6 महीने पहले डॉ. रामचंद्रैया एस. ने खरीदा था। इसे सतीश के नाम पर खरीदा गया था, ताकि किसी को शक न हो। जाँच में पता चला कि डॉ. रामचंद्रैया ने मृतक महिला की बेटी तेजस्वी से शादी की थी। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमने डॉक्टर सतीश और किरण को आमने-सामने बुलाया। उन्हें आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की। इसके बाद सतीश कुछ भी नहीं छिपा सका और कुछ ही देर में बाकी दोनों ने भी सब कुछ कबूल कर लिया।

हत्या के पीछे क्या वजह थी?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉ. रामचंद्रैया ने महिला की बेटी से दूसरी शादी की थी। हालाँकि, महिला को यह शादी मंज़ूर नहीं थी। क्योंकि, रामचंद्रैया की पहले ही एक शादी हो चुकी थी और उन्होंने अपनी पहली पत्नी को तलाक नहीं दिया था। इतना ही नहीं, उनकी बेटियों के बीच 20 साल का अंतर था। रामचंद्रैया को डर था कि लक्ष्मीदेवम्मा उनके परिवार को बर्बाद कर देगी। ऐसे में उसने घटना से 6 महीने पहले ही योजना बनानी शुरू कर दी थी। उसने सतीश के नाम पर एक कार खरीदी और सतीश और किरण को 4-4 लाख रुपये देने का वादा किया। उसने दोनों को 50-50 हज़ार रुपये एडवांस भी दिए। पुलिस के मुताबिक, सतीश रामचंद्रैया का मरीज था और उनके घर के पास ही रहता था। पुलिस ने बताया कि किरण सतीश की चचेरी बहन है।

3 अगस्त को जब लक्ष्मीदेवम्मा अपनी बेटी के घर से लौट रही थी, तो रामचंद्रैया ने उसे घर छोड़ने का वादा करके लिफ्ट दी। सतीश और किरण भी कार में थे। जैसे ही महिला बैठी, दोनों ने गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। अगले दिन, शव को धारदार हथियारों से काटकर उसके टुकड़े 19 जगहों पर फेंक दिए गए। पहले इस मामले को नरबलि से भी जोड़ा जा रहा था। लेकिन एसपी अशोक ने इन खबरों का खंडन किया कि हत्या मानव बलि से संबंधित थी।

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