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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से माफिया परिवार का नाम सुर्खियों में है, लेकिन इस बार मामला न केवल आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़ा है, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में फर्जीवाड़े का भी है। चर्चित माफिया मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को गाज़ीपुर पुलिस ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि उमर ने अपने पिता की जब्त संपत्तियों को वापस लेने के लिए अदालत में झूठे दस्तावेज पेश किए थे, जो अब गंभीर कानूनी विवाद का विषय बन गया है।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस के अनुसार, उमर अंसारी ने मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज एक केस में ऐसे दस्तावेज अदालत को सौंपे, जिन पर उनकी मां अफशां अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर थे। इन दस्तावेजों का उपयोग उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की गई संपत्तियों को छुड़ाने के लिए किया गया था। पुलिस को जब इस कागजी हेरफेर की भनक लगी, तो जांच तेज हुई और आखिरकार उमर को राजधानी लखनऊ में दारुलशफा स्थित अपने भाई अब्बास अंसारी के आवास से गिरफ्तार कर लिया गया।
एक गिरफ्तारी, कई सवाल
इस गिरफ्तारी ने न केवल अंसारी परिवार को फिर से राजनीतिक और सामाजिक बहस के केंद्र में ला दिया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि कैसे आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोग अदालती प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं। उमर पर जिन धाराओं में केस दर्ज किया गया है, वे गंभीर प्रकृति की हैं और अदालत में जालसाजी को लेकर राज्य सरकार भी कड़ा रुख अपनाए हुए है।
अफशां अंसारी भी रडार पर
मामले में दिलचस्प मोड़ तब आया जब पता चला कि जिन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर थे, वे उमर की मां अफशां अंसारी के नाम से थे। जांच में सामने आया कि वे हस्ताक्षर जाली हैं और फिलहाल अफशां फरार हैं। पुलिस ने उन पर ₹50,000 का इनाम घोषित किया है और उनकी तलाश तेज कर दी गई है।
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