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नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के विरोध में आज यानी 22 अप्रैल को देश के कई शहरों में मुस्लिम संगठनों ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई और अहमदाबाद सहित कई शहरों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शांतिपूर्ण ढंग से सड़कों पर उतरकर इस कानून का विरोध जताया। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की अगुवाई में चल रहे इस विरोध को मुस्लिम अधिकारों की सुरक्षा से जोड़ा जा रहा है।

इससे पहले मार्च महीने में हुए व्यापक विरोध के बाद अब यह आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर फैल चुका है। शनिवार, 20 अप्रैल को हैदराबाद में AIMPLB द्वारा आयोजित एक बड़ी जनसभा में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार से यह कानून वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि जैसे किसानों ने आंदोलन से अपनी बात मनवाई थी, वैसे ही मुस्लिम समाज भी शांतिपूर्ण विरोध जारी रखेगा।

देशभर में विरोध की लहर तेज हो गई है। कोलकाता, मुंबई, हैदराबाद और अहमदाबाद जैसे शहरों में मुस्लिम संगठनों ने रैलियां और प्रदर्शन किए। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस विधेयक को लोकतंत्र के लिए "काला अध्याय" बताया है और आरोप लगाया है कि सरकार ने मुस्लिम समाज की राय को नजरअंदाज करते हुए यह फैसला लिया।

वक्फ संशोधन विधेयक को 2 अप्रैल को लोकसभा और बाद में राज्यसभा से पास किया गया। सरकार का कहना है कि इस कानून से मुस्लिम धार्मिक मामलों में कोई दखल नहीं होगा, लेकिन मुस्लिम संगठनों का मानना है कि इससे वक्फ संपत्तियों के अधिकार कमजोर होंगे और धार्मिक स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है।

दिल्ली के जामिया इलाके में हाल ही में पुलिस द्वारा फ्लैग मार्च भी किया गया, जिससे यह साफ है कि राजधानी में भी हालात को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। उधर, विपक्षी दलों ने भी इस विधेयक का कड़ा विरोध करते हुए इसे अल्पसंख्यकों के हितों के खिलाफ बताया है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक यह कानून वापस नहीं लिया जाता, तब तक विरोध जारी रहेगा।

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