Up Kiran Digital Desk: धार्मिक नगरी मथुरा एक बार फिर सुर्खियों में है - इस बार किसी मंदिर निर्माण या पर्व के लिए नहीं, बल्कि एक घर वापसी कार्यक्रम के तहत। यहां एक मुस्लिम परिवार के आठ सदस्यों ने सार्वजनिक रूप से हिंदू धर्म में वापसी की घोषणा की और इस कदम को लेकर शहर में चर्चा का माहौल गर्म है।
वृंदावन में हुआ वैदिक रीति से धर्म परिवर्तन
मथुरा के वृंदावन में स्थित भागवत धाम आश्रम में हिंदू युवा वाहिनी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में देहरुआ गांव से आए एक मुस्लिम परिवार ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हिंदू धर्म में फिर से प्रवेश किया।
परिवार के मुखिया जाकिर, जिन्होंने अब खुद को ‘जगदीश’ नाम दिया है, अपनी पत्नी, बेटे, बहू और बेटी समेत पूरे परिवार के साथ समारोह में शामिल हुए। समारोह में गंगाजल से शुद्धिकरण, भगवा वस्त्र धारण और पूजा-अर्चना जैसी वैदिक विधियों का पालन किया गया।
"तीन साल से चाह थी लौटने की": जगदीश की जुबानी
धर्म परिवर्तन के बाद मीडिया से बातचीत में जगदीश ने कहा कि मैं पिछले तीन सालों से अपने मूल धर्म में लौटना चाहता था। मेरे पूर्वज हिंदू थे, कुछ कारणों से हम मुस्लिम बन गए, मगर आज मैं अपने निर्णय से अत्यंत संतुष्ट हूं।
उन्होंने यह भी बताया कि उनकी जड़ें शेरगढ़ से हैं और ससुराल थाना यमुना पार क्षेत्र में है। उन्होंने धर्म परिवर्तन को निजी आत्मिक निर्णय बताया, न कि किसी दबाव का परिणाम।
क्या है ‘घर वापसी’ का अर्थ और विवाद
‘घर वापसी’ शब्द पिछले कुछ वर्षों में राजनीतिक और धार्मिक रूप से संवेदनशील हो गया है। इसके अंतर्गत वे लोग शामिल होते हैं जो यह दावा करते हैं कि उनके पूर्वज हिंदू थे, मगर समय के साथ उन्होंने धर्म बदला और अब वे दोबारा हिंदू धर्म में लौटना चाहते हैं।
हालांकि इस प्रक्रिया को लेकर समाज में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती हैं। कुछ लोग इसे आस्था की स्वतंत्रता का प्रतीक मानते हैं, वहीं कुछ इसे धार्मिक ध्रुवीकरण की प्रक्रिया मानकर विवादास्पद करार देते हैं।
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