बलिया। बलिया में जमीन से जुड़ा एक विवाद सामने आया है। एक शख्स की जमीन का निर्माण नायब तहसीलदार की मौजूदगी में गिरा दिया गया। पीड़ित ने इस बारे में नायब तहसीलदार से बात की तो उन्होंने कहा कि भाग जाओ यहां से कुछ नहीं कर सकता, जहां शिकायत करनी है, कर लो, कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। पीड़ित न्याय के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहा है।
क्या है मामला?
खड़ेसरा, रसड़ा, बलिया के रहने वाले पीड़ित योगेन्द्र प्रसाद का कहना है कि उनके पिता तीन भाई थे। आपसी बंटवारे के आधार पर पैत्रक भूमि का बंटवारा प्रार्थी के पिता व उनके भाईयों के जीवनकाल में ही हो गया था। तथा सभी लोग बंटवारे में प्राप्त अपने-अपने हिस्से पर निवास कर रहे थे। प्रार्थी के पिता कैलाश राम को बंटवारे में मिली भूमि पर मिट्टी का मकान बना था जो बारिश होने के कारण गिर गया। उसके बाद प्रार्थी के पिता ने चारों तरफ से उक्त भूमि पर अपनी बाउण्ड्रीवील लगभग 25 वर्ष पूर्व करा दी थी। प्रार्थी के पिता कैलाश राम के भाई लेढ़ाराम के पुत्र अशोक राम व उसका भाई श्रीनिवास मेरी बाउण्ड्रीवाल जमीन पर कब्जा करने की धमकी काफी दिनों से दे रहे थे।
29 सितम्बर को समय लगभग 7 बजे दिन में नायब तहसीलदार रसड़ा, रोशन सिंढ तथा दो होमगार्ड आए और प्रार्थी की बाउण्ड्रीवाल तोड़ने लगे। इसकी वजह जाननी चाही तो लोगों ने गालियां दी। उनका आरोप है कि उस दरम्यान उन्हें जान से मारने की भी धमकी दी गई। इस मामले की शिकायत उन्होंने नायब तहसीलदार रखड़ा, बलिया से की तो उन्होंने साफ कहा कि वह इस मामले में कुछ नहीं कर सकते। यह भी कहा कि तुम्हें हम लोगों की शिकायत जहां करनी है वहा कर लेना हम लोगों का कुछ नहीं बिगाड़ सकते।
पीड़ित का आरोप है कि नायब तहसीलदार, रसड़ा, बलिया और क्षेत्रीय लेखपाल विपक्षी पार्टी से मिले हुए हैं और जबरन उनकी बाउंड्रीवाल गिरा दी गई। विपक्षी दल जबरन उनकी जमीन हड़पना चाहते हैं। पीड़ित ने पूरे मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की है।
मामले को लेकर नायब तहसीलदार रोशन सिंह से बात की गयी तो उन्होंने बॉउंड्री तोड़ने की बात को सिरे से नकार दिया और कहा कि सड़क का अवैध कब्ज़ा हटाया गया।
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