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Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में सिंगापुर के मंत्री एस. ईश्वरन से एक अहम मुलाकात की है। इस बैठक में दोनों नेताओं ने आंध्र प्रदेश में हरित ऊर्जा (Green Energy) यानी नवीकरणीय ऊर्जा और डेटा सेंटर के विकास में मिलकर काम करने की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। यह मुलाकात आंध्र प्रदेश को एक आधुनिक और विकसित राज्य बनाने की नायडू की दूरदर्शिता का हिस्सा है।

किस पर हुई खास बातचीत? यह बैठक इस बात पर केंद्रित थी कि आंध्र प्रदेश कैसे सिंगापुर की विशेषज्ञता का लाभ उठा सकता है ताकि राज्य में दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों - हरित ऊर्जा और डेटा सेंटर - को बढ़ावा दिया जा सके।

हरित ऊर्जा (Renewable Energy): मुख्यमंत्री नायडू ने आंध्र प्रदेश में सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने सुझाव दिया कि सिंगापुर के सहयोग से आंध्र प्रदेश को एक 'ग्रीन एनर्जी हब' यानी हरित ऊर्जा का बड़ा केंद्र बनाया जा सकता है। उन्होंने ऊर्जा भंडारण (Energy Storage) समाधानों पर भी बात की, जो हरित ऊर्जा के प्रभावी उपयोग के लिए बहुत ज़रूरी हैं।

डेटा सेंटर का विकास: आज के डिजिटल युग में डेटा सेंटर किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए रीढ़ की हड्डी के समान हैं। नायडू ने आंध्र प्रदेश में विश्व स्तरीय डेटा सेंटर इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने में सिंगापुर की विशेषज्ञता का उपयोग करने में गहरी रुचि दिखाई। डेटा सेंटर न केवल डिजिटल सेवाओं को गति देते हैं बल्कि अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

आंध्र प्रदेश के लिए महत्व चंद्रबाबू नायडू का मानना है कि सिंगापुर जैसे विकसित देश के साथ इस तरह का सहयोग आंध्र प्रदेश के लिए कई तरह से फायदेमंद होगा:

निवेश आकर्षित होगा: सिंगापुर की कंपनियों का निवेश आंध्र प्रदेश में आएगा।

रोजगार के अवसर: नए प्रोजेक्ट्स से राज्य के युवाओं के लिए ढेर सारे रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

तकनीकी उन्नति: राज्य को आधुनिक तकनीक और विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा।

सतत विकास: हरित ऊर्जा पर ध्यान देने से राज्य का विकास पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ होगा।

यह मुलाकात आंध्र प्रदेश को सतत विकास और डिजिटल इनोवेशन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नायडू का लक्ष्य है कि इन क्षेत्रों में मज़बूत बुनियादी ढांचा विकसित करके आंध्र प्रदेश को भविष्य के लिए तैयार किया जाए।

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