नैनीताल। नैनीताल में आयोजित होने जा रहे 122वें श्रीनंदा देवी महोत्सव-2024 के लिए इस वर्ष कदली दल यानी केले के वृक्षों के जोड़े को निकटवर्ती ग्राम रोखड़ मंगोली से लाया जाएगा।
यह पवित्र वृक्ष रोखड निवासी बीरेंद्र जीना और ग्राम प्रधान योगेश्वर जीना के खेत से चुना गया है। आयोजक संस्था के कदली दल चयन दल ने आज धार्मिक परंपराओं का पालन करते हुए कदली दल का चयन किया।
उल्लेखनय है कदली यानी केले का वानस्पतिक नाम मूसा परडिसीएका व इसका कुल म्यूजिशियाई है। इसे देव गुरु वृहस्पति का प्रिय माना जाता है और इसमें लक्ष्मी का वास होता है। पारिस्थितिक रूप से यह घुलनशील होता है। इसलिये माता नंदा-सुनंदा की मूर्तियों के निर्माण के लिये इस वृक्ष के चयन की परंपरा है। और परंपरा के अनुसार जगह साफ-सुथरी और शुद्ध होनी चाहिए, साथ ही वृक्ष में फूल नहीं आया होना चाहिए और वह कटा नहीं होना चाहिए। चयन प्रक्रिया के दौरान सर्वप्रथम चावल डालकर विधि संपन्न की जाती है।
वृक्ष चयन में राम सिंह बिष्ट ने विशेष योगदान दिया। गांव से वृक्ष चयनित होने पर पूरे रोखड़ ग्राम के वासी प्रफुल्लित एवं हर्षित हुए। कदली दल में विमल चौधरी, हीरा रावत, गोधन सिंह, और भुवन बिष्ट शामिल रहे। बताया गया है कि आगे श्री नंदा महोत्सव के उद्घाटन के दिन 8 सितंबर को कदली वृक्ष को रोखड़ से लाने के लिये आयोजक संस्था का दल रवाना होगा और अनुष्ठान के बाद 9 सितंबर को पूजन के पश्चात यह पवित्र वृक्ष नैनीताल लाया जाएगा, और इसे माता नंदा-सुनंदा की मूर्तियों का निर्माण किया जाएगा।
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