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President Bhavan: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉल के नाम बदलने का बड़ा फैसला लिया है. इसके मुताबिक, दो हॉलों के नाम 'दरबार हॉल' और 'अशोक हॉल' बदल दिए गए हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अब राष्ट्रपति भवन में 'दरबार हॉल' का नाम बदलकर 'गणतंत्र मंडप' और 'अशोक हॉल' का नाम 'अशोक मंडप' कर दिया है। इस संबंध में राष्ट्रपति भवन की ओर से एक बयान जारी किया गया है.

जानिए दोनों सदनों की खूबियां

अशोक हॉल जिसे अब अशोक मंडप के नाम से जाना जाएगा। राष्ट्रपति भवन की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, इस मंडप की मुख्य विशेषता बड़े कलात्मक रूप से सजाया गया हॉल है, जिसका उपयोग अब महत्वपूर्ण समारोहों और विदेशी प्रमुखों की साख की प्रस्तुति के लिए किया जाता है, जिसका उपयोग पहले स्टेट बॉल रूम के लिए किया जाता था। इस अशोक मंडप की छत को तैलचित्रों से सजाया गया है।

दरबार हॉल (गणतंत्र मंडप)- राष्ट्रपति भवन का सबसे भव्य सभागार दरबार हॉल है, जिसे अब गणतंत्र मंडप नाम दिया गया है। दरबार हॉल को पहले सिंहासन कक्ष के नाम से जाना जाता था और यहीं पर 15 अगस्त 1947 को पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में स्वतंत्र भारत की पहली सरकार ने शपथ ली थी। 1948 में सी. राजगोपालाचारी ने दरबार हॉल में भारत के गवर्नर जनरल के रूप में शपथ ली। इस स्थान पर राष्ट्रपति द्वारा नागरिक एवं सैन्य सम्मान भी दिये जाते हैं। इसके अलावा नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह भी दरबार हॉल में ही होता है.

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